उत्तर प्रदेश

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे पर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने आपत्ति जताई, कहा- पूजा स्थल को बदलने का प्रयास गलत

Renuka Sahu
15 May 2022 5:15 AM GMT
Congress leader Salman Khurshid objected to Gyanvapi Masjid survey, said – wrong attempt to change the place of worship
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फाइल फोटो 

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण की अनुमति दे दिए गई है. आज दूसरे दिन सर्वे जारी है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण (Gyanvapi Masjid Survey) की अनुमति दे दिए गई है. आज दूसरे दिन सर्वे जारी है. ऐसे में पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के साथ मजबूती से खड़े हुए कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने शनिवार को कहा कि किसी भी पूजा स्थल की स्थिति को बदलने का कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए. स्थानीय कोर्ट ने 12 मई को मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी का विरोध करने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया था. इसी के सात 17 मई तक सर्वे का काम पूरा करने का आदेश दिया था. सर्वे का आदेश महिलाओं के एक समूह द्वारा हिंदू देवताओं की पूजा करने की अनुमति मांगने के बाद किया गया था. जानकारी के अनुसार देवताओं की ये मूर्तियां मस्जिद की बाहरी दीवार में स्थित हैं.

विरोदी पक्ष पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम,1991 का उल्लेक कर रहा है, जो किसी भी पूजा स्थल की यथास्थिति को बदलने पर रोक लगाता है. जैसा कि 15 अगस्त 1947 को अस्तित्व में था. उस अधिनियम का एकमात्र अपवाद अयोध्या का फैसला था. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने विवादित 277 एकड़ जमीन का मालिकाना हक राम जन्मभूमि ट्रस्ट को दिया था.
सिर्फ अयोध्या है अपवाद
तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा पारित कानून का जिक्र करते हुए सलमान खुर्शीद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या फैसले में हीं मंजूरी दे दी थी. यह जानबूझकर किया जा रहा था. अयोध्या को उस कानून से बाहर रखते हुए और ये सुनिश्चित करना कि आने वाली समय में राम मंदिर के बार पूरी तरह से बंद रहेगा.
पी चिदंबरम ने भी किया था विरोध
खुर्शीद ने आगे कहा कि इसलिए हम वह कानून लाए और हम उस विधायिका के साथ पूरी तरह से खड़े हैं. हमारे पास कोई दूसरा विचार नहीं है. इससे पहले कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने भी दोहराया था कि किसी भी पूजा स्थल की स्थिति को बदलने का कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे केवल एक बड़ा संघर्ष होगा.
ये है मामला
हालहीं में काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को दोबारा से प्रपाप्त करने के लिए कुछ संगठनों द्वारा नए शोर मचाया गया है. वर्तमान विवाद देवी श्रृंगार गौरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान और नंद की दैनिक पूजा की अनुमति मांगने वाली एक याचिका से संबंधित है. जिनकी मूर्तियां ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार पर स्थित हैं. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि देवी श्रृंगार गोरी की एक छवि प्रचीन काल से ही मौजूद थी और कोर्ट से इसका पता लगाने का आग्रह किया है.
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