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कानपुर में फिर से हुई विश्वास बहाली, 12 सूत्रीय मास्टर प्लान हुआ कारगर

दो हफ्ते पहले तीन जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर में हुई हिंसा से कमिश्नरेट पुलिस ने सबक लिया। नतीजा ये रहा कि पुलिस ने इस बार शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए 12 सूत्रीय प्लान तैयार किया और पुलिस की सख्ती कारगार साबित हुई। कमिश्नरेट पुलिस ने लगातार दोनों संप्रदाय के लोगों के बीच जाकर बातचीत की जिस वजह से आज शहर में फिर से अमन और शांति की बहाली हो सकी।
कारगार साबित हुई पुलिस की कोशिशें
बता दें कि कानपुर हिंसा के बाद आज तीसरा जुमा था। यूपी के कई अति संवेदनशील जिलों में उपद्रव की सुगबुगाहट थी जिसे पुलिस की विजिलेंस और खुफिया इकाइयों ने पहले से ही सूंघ लिया और सीनियर ऑफिसर्स को संदेश दे दिया था। इसके बाद शासन ने प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम करने की तमाम कोशिशें की। शुक्रवार को ये कोशिशें पूरी तरह से कारगार रहीं। कानपुर के कमिश्नर विजय सिंह मीना की एक सप्ताह में बनाई गई स्ट्रेटजी न सिर्फ अमल में लाई गई, बल्कि कम समय में बना प्लान पूरी तरह से कारगार रहा। पूरे प्रदेश में कानपुर में युवा मित्र बनाने का प्रयोग भी सफल रहा।
साइबर, सर्विलांस सेल भी रही एक्टिव
योजना के मुताबिक, साइबर और सर्विलांस सेल भी एक्टिव रहा। नई सडक़, यतीमखाना, परेड, बेकनगंज, फूल वाली गली, अनवरगंज, कुली बाजार, लाटूश रोड, चमनगंज समेत कई इलाकों के सैकड़ों नंबर सर्विलांस पर थे और उनकी हर छोटी से बड़ी हरकत पुलिस की नजर में थी। आलम ये रहा कि अफवाह तो दूर की बात, पूरे इलाके में किसी भी सोशल प्लेटफार्म पर कोई भी असामाजिक गतिविधि नहीं हो सकी।
नमाज के बाद काम पर लौटे नमाजी
यतीमखाना और आसपास समेत शहर के 348 धार्मिक स्थलों में नमाज अता की गई। पुलिस का भरपूर इंतजाम किया गया था, लिहाजा कोई भी उपद्रवी सिर नहीं उठा सका। सभी धार्मिक स्थलों से देश के तमाम जिलों में हो रही हिंसा को देखते हुए शांति की दुआ की गई। नमाज के बाद नमाजियों ने लोगों को गुलाब का फूल देते हुए संदेश दिया गया कि जिस तरह एक डंडी से तमाम पंखुडिय़ां जुड़कर फूल बनाती हैैं, उसी तरह तमाम धर्म के लोग एक साथ आकर एक स्वस्थ्य समाज बनाते हैं।
इस तरह 12 सूत्रीय प्लान हुआ कारगर
12 सूत्रीय प्लान पर सक्रिय होकर पुलिस ने शहर के माहौल में शांति स्थापित करने का कार्य किया।
1 पुलिस की लगातार गश्त ने उपद्रवियों के मनसूबों पर पानी फेरने का काम किया।
2 पीस कमेटी ने लगातार बैठकें कर लोगों से बात कर विश्वास बहाली का काम किया।
3 धर्म गुरुओं को राजी कर यह संदेश प्रसारित कराया कि समाज में कोई गलत संदेश न जाए।
4 लगातार युवाओं को संदेश दिया गया कि वह शांति कायम रखें।
5 दो हजार से ज्यादा युवाओं का इस्तेमाल पुलिस मित्र के रूप में किया गया।
6 एलआईयू के जरिए लोगों की जानकारी एकत्र की गई।
7 साथ ही ड्रोन से लगातार छतों की निगरानीकी गई।
8 इस दौरान कहीं पर भी बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं किया गया।
9 कानपुर पुलिस कमिश्नर ने वायदे के मुताबिक जो भी अरेस्टिंग की गई उसमे इस बात का ध्यान रखा गया कि कोई निर्दोश न फंसे।
10 इस दौरान 56 गिरफ्तारियों के अलावा कोई और अरेस्टिंग नहीं की गईं।
11 दिन-रात होने वाले गश्त और चेकिंग के दौरान किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया।
12 स्ट्रेटजी के तहत, अमन और शांति के लिए पुलिस बैकफुट पर रही, जिससे लोगों में विश्वास रहे और पुलिस की छवि सुधरे।