उत्तर प्रदेश

पर्यावरण बचाने में मदद करने वाले उद्योगों को रियायत

Admin Delhi 1
22 April 2023 11:34 AM GMT
पर्यावरण बचाने में मदद करने वाले उद्योगों को रियायत
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गाजियाबाद न्यूज़: पर्यावरण बचाने की दिशा में काम करने वाले उद्योगों को प्रदेश सरकार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जुड़ी एनओसी, प्रोसेसिंग फीस या अन्य किसी शुल्क में छूट देने की तैयारी कर रही है.

पानी की खपत में कमी लाने वाले उद्योग, वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने वाले उद्योग, कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में काम करने वाले उद्योग समेत ऐसे उद्योग जो पर्यावरण बचाने की दिशा में भी अपनी यूनिट में कुछ ऐसा काम कर रहे हैं उन्हें आने वाले दिनों में छूट की घोषणा हो सकती है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद यूपी देश में पहला ऐसा राज्य होगा जो पर्यावरण बचाने की दिशा में काम करने वाले उद्योगों को एक तरह से प्रोत्साहन धनराशि देगा. यह धनराशि उनकी फीस में ही छूट देकर मानी जाएगी. इसके लिए उद्योगों की श्रेणी, आकार, शुल्क और छूट की दर तथा किस काम के लिए क्या छूट संभव है इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. उद्योगों में भूजल की खपत कम करने तथा इस्तेमाल किए पानी को फिर से प्रयोग करने की दिशा में सबसे अधिक काम किया जा रहा है. करीब तीन महीने पहले टीएचए में ही विभिन्न श्रेणी के उद्यमियों के साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारियों तथा विशेषज्ञों ने पानी की खपत को लेकर विचार किया था.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ठोस, जैव, प्लास्टिक और केमिकल कचरा प्रबंधन की विभिन्न श्रेणी के लिए प्रोसेसिंग शुल्क की सूची जारी की है. इसमें जैविक कचरा, खतरनाक कचरा, ठोस कचरा, ई कचरा और प्लास्टिक कचरे के लिए निर्धारित शुल्क की सूची है. ई कचरा निस्तारण के लिए लघु श्रेणी के उद्योगों को दस हजार, मध्यम श्रेणी के उद्योगों को 20 हजार और बड़े उद्योगों के लिए 50 हजार शुल्क है. प्लास्टिक से जुड़े उद्योग उत्पादन, प्रबंधन और भंडारण में कार्यरत हों उनके लिए 10 हजार रुपये शुल्क है. ठोस कचरा से जुड़ी इकाइयों के लिए 10 हजार शुल्क निर्धारित है.

पर्यावरण की दिशा में काम करने वाले उद्योगों को कुछ शुल्क में छूट आदि के लिए बोर्ड मुख्यालय स्तर से काम चल रहा है. अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है.

-उत्सव शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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