उत्तर प्रदेश

अवैध कब्जा कर सरकारी जमीन पर बने कॉम्प्लेक्स नहीं गिराये जा सके

Admindelhi1
19 March 2024 5:38 AM GMT
अवैध कब्जा कर सरकारी जमीन पर बने कॉम्प्लेक्स नहीं गिराये जा सके
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आठ कॉम्प्लेक्स गिराने में आ रही दिक्कत

मथुरा: अकबरनगर में अवैध कब्जा कर सरकारी जमीन पर बने कॉम्प्लेक्स नहीं गिराये जा सके. इन्हें गिराने के रास्ते में एक अड़चन आ गई है. दरअसल एलडीए ने जिन कॉम्प्लेक्स को नोटिस दी थी, उसमें दूसरा नाम था जबकि लोगों ने हाईकोर्ट में दूसरे नाम से रिट लगाई थी. इस वजह से ये कॉम्प्लेक्स गिराने में दिक्कतें आ रही है. इनके कॉम्प्लेक्स चिन्हित करने के लिए दो दिनों से एलडीए के इंजीनियर और अफसर लगे हैं. इन्हीं आठ कॉम्प्लेक्स की रिट अदालत ने खारिज की है. अयोध्या मुख्य मार्ग पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर 1 लोगों ने कॉम्प्लेक्स और दुकानें बना ली हैं. इनमें अदालत के आदेश पर करीब 25 कॉम्प्लेक्स गिराए जा चुके हैं. 76 कॉम्प्लेक्स और गिराए जाने हैं.

मगर इनमें 68 के मामले अभी लम्बित हैं. आठ कॉम्प्लेक्स और दुकान मालिकों की अपील कोर्ट ने खारिज कर दी है. इन्हीं आठ लोगों की दुकानें गिराई जानी हैं. इसके लिए एलडीए के अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे हैं. भी पूरे दिन अफसर इन आठ कॉम्प्लेक्स को चिन्हित करने में लगे थे. मगर पता नहीं चल पाया कि यह आठ कॉम्प्लेक्स कौन से हैं. भी अफसर लगे रहे, क्योंकि इन लोगों ने अदालत में जो रिट की थी, वह दूसरे नामों से की थी. एलडीए ने ध्वस्तीकरण की नोटिस दूसरे नाम से दी थी. जिस नाम की रिट खारिज हुई है, उसके नाम की बिल्डिंग ही नहीं चिन्हित हो पा रही है. अफसरों को डर है कि गलती से दूसरी बिल्डिंग टूट गयी तो उन्हें अदालत की अवमानना का सामना करना पड़ सकता है. इसी वजह से वह फूंक फूंक फूंक कर कदम उठा रहे हैं. वैसे भी अदालत ने 31 तक यहां के सभी लोगों को मकान खाली करने का निर्देश दिया है.

पीएम आवास के लिए कैम्प में आ रहे बाहरी

एलडीए ने अकबरनगर के लोगों को विस्थापित कोटे से मकान देने के लिए कैम्प लगाया है. तीन जगह कैम्प लगा है. यहां केवल अकबरनगर प्रथम और द्वितीय के लोगों को ही पीएम आवास दिए जाएंगे. इन्हें 00 रुपए में पंजीकरण पर मकान आवंटित किया जा रहा है. इनकी किश्तें भी वर्ष की होंगी.

कैम्प में मकान के लिए तमाम बाहरी लोग भी आ रहे हैं. वह भी विस्थापित कोटे से मकान लेने के प्रयास में लग गए हैं. दो दिनों के कैम्प में ऐसे कई लोग पकड़े गए, जो यहां विस्थापित ही नहीं थे. एलडीए अधिकारियों और कर्मचारियों ने जब उनसे अकबर नगर का आधार कार्ड, बिजली बिल, राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र मांगा तो उसे नहीं दिखा पाए. अधिकारियों ने ऐसे लोगों को वापस कर दिया. एलडीए ने जिन करीब 00 लोगों को पूर्व में ध्वस्तीकरण की नोटिस दी थी उन्हें ही विस्थापित कोटे का मकान मिलेगा. बाकी किसी बाहरी को नहीं दिया जाएगा.

कोई भी विस्थापित मकान लेने नहीं पहुंचा

अकबरनगर में लगाए गए कैंप में कोई भी विस्थापित मकान लेने नहीं पहुंचा. दूसरी जगह के लोग जरूर पूछताछ करने आए. मगर अकबरनगर के करीब 10 लोगों में कोई नहीं आया. पूरे दिन तीनों कैंप में एलडीए के अधिकारी बैठे रहे. 500 बजे के बाद कैंप खत्म कर दिया गया. एलडीए यहां 21 तक लगातार कैंप लगाएगा. अकबरनगर के कुछ लोगों ने बताया कि वह सभी सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है. इस वजह से विस्थापित कोटे का मकान नहीं ले रहे हैं.

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