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सीएम से की गयी थी शिकायत वित्तीय अनियमितता करने वाले लिपिक से होगी रिकवरी
बीएसए कार्यालय में तैनात लिपिक ने वेतनमान निर्धारण में जमकर गड़बड़ी की, इसकी शिकायत मुख्यमंत्री जनता दरबार में की गई थी। जिसपर एडी बेसिक ने वित्त एवं लेखाधिकारी को जांच के निर्देश दिए थे। जांच आख्या में लिपिक द्वारा वेतनमान वर्ष 2010 से जनवरी 2022 तक करीब दो लाख की धनराशि से अधिक धन आहरित कर लेने रिर्पोट सौंपी गई थी। जिसमें सचिव बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा धनराशि की रिकवरी कराते हुए धनराशि राजकोष में जमा कराए जाने के निर्देश बीएसए को दिए हैं।
राठ कस्बा निवासी शिकायतकर्ता मनोज कुमार ने पिछले 22 अप्रैल को मुख्यमंत्री जनता दरबार में शिकायत कर बीएसए कार्यालय में तैनात लिपिक कन्हैया लाल की सेवा पंजिका में दर्ज नियुक्ति, पदोन्नति, चयन वेतनमान, एसीपी, प्रोन्नत वेतनमान के निर्धारण की सूक्ष्म जांच कराए जाने की मांग की थी। जिसमें एडी बेसिक रामपाल ने वित्त एवं लेखाधिकारी एमडी कसेरा को जांच सौंपी थी। जांच अधिकारी एमडी कसेरा ने बताया कि वेतन निर्धारण में हुई गड़बड़ी के चलते लिपिक कन्हैयालाल के वेतन में अधिक भुगतान हो गया है। कहा कि वर्ष 2010 से जनवरी 2022 तक करीब दो लाख की रिकवरी की जानी है। जिसकी वसूली उनके वेतन से किए जाने की संस्तुति की गई है।
वहीं बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय द्वारा बीएसए एवं वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा को संबंधित से अधिक भुगतानित धनराशि की रिकवरी कराते हुए धनराशि राजकोष में जमा कराने एवं दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी के संबंध में दो दिवस के अंदर आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। फिलहाल इस मामले में पिछले 26 सितंबर को बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के सचिव प्रताप सिंह बघेल की ओर से किए गए पत्राचार के बाद अभी तक इस लिपिक पर कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। इससे विभाग पर मिली भगत होने को लेकर उंगली उठ रहीं हैं।
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar