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झाँसी न्यूज़: पथ विक्रेताओं के शिकायत निवारण को लेकर प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय में सिविल न्यायाधीश/न्यायिक मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा. इस सम्बंध में नगरीय निकाय निदेशक नेहा शर्मा ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी किये है. उन्होंने कहा कि तीन दिन के अंदर कमेटी का गठन कर निदेशालय को सूचना भेजी जाये. जिससे पथ विक्रेताओं की शिकायतों का जिला मुख्यालय स्तर पर निस्तारण किया जा सके.
नगरीय क्षेत्र में फुटपाथ पर अतिक्रमण कर रोजी-रोटी कमाने वालों को व्यवस्थित ढंग से जगह मुहैया कराकर उन्हे रोजगार मुहैया कराने के लिये शासन ने उत्तर प्रदेश पथ विक्रेता(जीविका संरक्षण और पथ विक्रय विनियमन) अधिनियम-2014 लागू की है. इसके तहत नगरीय क्षेत्र में वेडिंग जोन, प्रतिबंधित वेडिंग जोन आदि चिंहित कर नगरीय निकायों को फुटपाथ पर व्यापार करने वालों को व्यवस्थित करना था. इसको लेकर नगर निगम ने वेडिंग जोन आदि पर कार्रवाई कर सभी र्को ंचहिंत करने का काम किया था. इधर पथ विक्रेताओं की शिकायतों का उचित निस्तारण न होने पर पथ विक्रेता अधिनियम की धारा-20 के अन्तर्गत हर जिले में शिकायत निवारण समिति के गठन के आदेश जारी किये है. समिति का गठन सिविल न्यायाधीश या न्यायिक मजिस्ट्रेट रहा हो ऐसे अफसर की अध्यक्षता में गठित होगी. साथ ही समिति में दो ऐसे सदस्यों को रखा जाएगा जिनके पास अनुभव हो. शर्त यह है कि समुचित सरकार के किसी भी कर्मचारी या स्थानीय प्राधिकारी को समिति का सदस्य नियुक्त नहीं किया जाएगा.