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- प्रदूषण रोकने के लिए...
मोदीपुरम न्यूज़: करीब चार माह पहले क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी बने विजय कुमार द्वारा प्रदूषण रोकने के लिए किए गए इंतजाम फेल हो रहे हैं, जो कमेटी बनाई गई है। वह सब कागजों में ही दफन हो गई है। जिस कारण से मेरठ का एयर क्वालिटी इंडेक्स सामान्य दिनों में भी श्रेणी में रहता है। साथ ही प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी शाम को आॅफिस बंद होने के बाद बसपा के पूर्व सांसद से आखिर क्यों मिलते हैं? एनसीआर में मेरठ का प्रदूषण गाजियाबाद के बाद दूसरे नंबर पर आता है। यहां पर हालात लगातार खराब हो रहे हैं। पिछले 30 से 40 दिन में एयर क्वालिटी इंडेक्स सामान्य श्रेणी में दर्ज नहीं किया गया है। यहां पर लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग परेशान हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जो टीमें बनाई गई थी। वो सब टीमें कागजों में ही दफन हो गई है। किसी भी औद्योगिक इकाई का निरीक्षण नहीं किया जा रहा है और जगह-जगह जलाए जा रहे कूड़े की भी देख रहे कि नहीं की जा रही है। जिस कारण से प्रदूषण बढ़ता जा रहा हैं। सबसे खास बात यह है कि इस समय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी का ध्यान सबसे ज्यादा मेरठ के प्रदूषण को कम करने पर होना चाहिए, लेकिन वह बसपा के पूर्व सांसद की मीट फैक्ट्री को चलाने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
पूर्व सांसद की मुलाकात उनके आॅफिस में भी चर्चा का विषय बनी हुई हैं। वह शाम को 5.30 बजे के बाद आॅफिस पर आते हैं और रात में करीब 8.00 बजे तक जाते हैं। उस समय स्टॉफ भी सीमित ही है। सवाल इस बात का है कि मेरठ में सब मीट प्लांट बंद पड़े हैं, लेकिन पूर्व सांसद का मीट प्लांट अभी चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि उनके कई मानक अभी पूरे नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि उनके कई मानक कभी पूरे नहीं है और कुछ फाइलें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में भी अटकी हुई है, जिसे वह घर बुलाकर सेटिंग-गेटिंग का खेल खेल रहे हैं।
इस समय ये है निर्देश: एक अक्टूबर से दिल्ली एनसीआर मे ग्रैप सिस्टम लागू किया गया। शहर की उद्योग इकाइयों का निरीक्षण सभी हॉट मिक्स प्लांट बंद करने जरूरी है। टूटी सड़कों से धूल न उड़ाई जाए। बड़े प्रोजेक्टों पर पानी का छिड़काव लगातार किया जाए। जगह-जगह खुले मे पड़े वेस्ट मेटेरियल को ढका जाए।