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नोएडा न्यूज़: कोरोना काल के बाद जिले में बिना फिटनेस वाले व्यावसायिक वाहनों की संख्या कम हुई है. वर्ष 2020 में जहां ऐसे वाहनों की संख्या 2143 थी, वहीं अब इनकी संख्या घटकर 1150 हो गई है. परिवहन विभाग के अनुसार बिना फिटनेस दौड़ने वाले वाहनों से प्रदूषण बढ़ता है और हादसे की भी आशंका बनी रहती है.
जिले में अनफिट वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग और यातायात पुलिस लगातार अभियान चला रही है. इसका असर दिखने लगा है. एआरटीओ प्रशासन सियाराम वर्मा ने कहा कि कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान सबकुछ बंद था. ऐसे में चालकों ने वाहनों की फिटनेस जांच नहीं कराई थी. इसके बाद चालकों ने फिटनेस जांच करानी शुरू की. साथ ही वाहनों के फिटनेस कराने के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में 438 और वर्ष 2021 में 882 माल वाहक वाहनों की फिटनेस खत्म थी, जो अब 400 हो गई है. इसी तरह से वर्ष 2020 में 338 और वर्ष 2021 में 490 कैब की फिटनेस जांच चालकों ने नहीं कराई थी. अब इनकी संख्या घटकर 117 रह गई है. संभव है कि इनमे से 30 से 40 फीसदी वाहन ऐसे होंगे, जिनकी समयावधि पूरी हो गई है और चालकों ने परिवहन विभाग में पंजीकरण निरस्त नहीं कराया है. एआरटीओ प्रशासन ने कहा कि वाहन की फिटनेस जांच न होने से प्रदूषण जांच भी नहीं होती है. ऐसे वाहन से प्रदूषण फैलने का खतरा रहने के साथ ही हादसा होने का अंदेशा भी बना रहता है.