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लखनऊ: स्वास्थ्य विभाग में तबादलों में गड़बड़ी हर संवर्ग में हुई है. नर्सिंग संवर्ग में समूह ख में आने वाले कर्मियों का महानिदेशालय के बजाय मुख्य चिकित्साधिकारियों ने स्थानांतरण कर दिया है. मामला खुलने पर 6 जिलों में स्थानांतरण की इस प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है. जबकि 8 जिलों में अभी भी नर्सें अपना स्थानांतरण दुरुस्त कराने को लेकर महानिदेशालय के चक्कर काट रही हैं.
दरअसल, यह मामला प्रदेश में समूह ख में आने वाली करीब 980 नर्सों से जुड़ा हुआ है. कई जिलों में सीएमओ की तरफ से नियम के विपरीत नर्सों का तबादला कर दिया गया है. गलती का एहसास होने पर अंबेडकरनगर, उन्नाव, हमीरपुर, बलिया और कानपुर देहात के सीएमओ ने आदेश निरस्त कर दिए हैं. हरदोई में उच्च न्यायालय के आदेश पर तीन लोगों का तबादला आदेश निरस्त हुआ है. प्रयागराज, अमेठी, आजमगढ़, कौशांबी, कासगंज, गाजीपुर और गाजियाबाद जिलों के 500 से अधिक नर्सों के तबादला आदेश निरस्त नहीं किए गए हैं. राजकीय नर्सेज संघ के महामंत्री अशोक कुमार ने बताया कि पूरे मामले से महानिदेशक को अवगत कराया गया है. यदि गलत तरीके से हुए स्थानांतरण निरस्त नहीं हुए तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा.
राजकीय नर्सेज संघ के महामंत्री अशोक कुमार का कहना है कि स्वास्थ्य महानिदेशक को 2 जुलाई को ही पत्र के जरिए अवगत कराया गया था. लेकिन इसको लेकर कोई भी निर्देश जारी न होने के कारण कई जनपदों में अभी तक स्थानांतरण निरस्त नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रयागराज, अमेठी, आजमगढ़, कौशांबी, कासगंज, गाजीपुर और गाजियाबाद में स्थानांतरण निरस्त नहीं किया गया. इसके चलते सूची में शामिल नर्सों को काफी दिक्कतें हो रही है और आमजन भी नर्सिंग सेवाओं से वंचित हैं.
महामंत्री अशोक कुमार ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक से दोबारा निवेदन किया गया है. लेकिन अभी तक मामले में कार्रवाई नहीं हुई है. समय रहते अगर महानिदेशत की तरफ से कोई निर्णय नहीं लिया गया तो मजबूरन एक बड़े आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा.