उत्तर प्रदेश

सीएमओ बोले-अभी कोई बीमारी नहीं मिली, जांच कराएंगे

Admin4
28 Aug 2022 6:00 PM GMT
सीएमओ बोले-अभी कोई बीमारी नहीं मिली, जांच कराएंगे
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न्यूज़क्रेडिट:अमरउजाला

बांदा जिले के त्रिवेणी गांव में गत 11 दिनों में तीन बच्चों की मौत के बाद चक चटगन गांव में अज्ञात बीमारी से दो चचेरे भाइयों की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि झांकी देखकर लौटने के बाद पेट दर्द की शिकायत हुई और डेढ़ घंटे के अंतराल में एक-एक कर दोनों की मौत हो गई। सूचना पर सीएमओ एके श्रीवास्तव टीम के साथ गांव पहुंचे और जांच पड़ताल की। पुलिस ने दोनों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

सदर तहसील और कोतवाली देहात क्षेत्र अंतर्गत चक चटगन गांव में शनिवार की रात दशरथ के पुत्र नीरज (15) और काशीराम के पुत्र चंद्रबली (26) की मौत हो गई। दोनों की मौत के बीच मात्र डेढ़ घंटे का फर्क था। पहले करीब 8.30 बजे नीरज ने घर में दम तोड़ा और इसके बाद लगभग 11 बजे चंद्रबली की मौत हो गई। एक परिवार में दो मौतों से परिवार में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

एकाएक पेट दर्द शुरू हो गया, आवाज बंद हो गई

मृतकों के भतीजे महेश कुमार ने बताया कि शुक्रवार की रात गांव में सजी झांकी देखकर दोनों घर लौटे और खाना खाकर सो गए। शनिवार को सुबह पेट दर्द होने लगा। एकाएक गले में भी तकलीफ हो गई। आवाज नहीं निकल रही थी। चंद्रबली अविवाहिता और मजदूरी करता था। चार भाइयों में दूसरे नंबर का था। वहीं, नीरज सातवीं कक्षा का छात्र था। दो भाइयों में बड़ा था। दोनों के पिता खेतीबाड़ी करते हैं।

दोनों की कराते रहे झाड़फूंक, चली गई जान

चंद्रबली और उसके चचेरे भाई नीरज के एक साथ बीमार होने पर परिवारीजन अंधविश्वास के फेर में उलझ गए। मेडिकल कॉलेज या जिला अस्पताल में इलाज कराने की बजाए दोनों की झाड़फूंक कराते रहे। शनिवार को पहले गांव में ओझाओं से झाड़फूंक कराई। इसके बाद हमीरपुर जनपद के मौदहा गांव ले गए और वहां भी झाड़फूंक कराई। कोई आराम नहीं लगा। रात को अस्पताल ले जाने की तैयारी थी कि घर पर ही दोनों की मौत हो गई। यह बात मृतकों के भतीजे महेश कुमार ने बताई।

अभी कोई बीमारी नहीं मिली, कैंप लगाकर जांच कराएंगे

मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ.एके श्रीवास्तव ने बताया कि सूचना पर वह खुद गांव पहुंचे। दोनों की मौत का कारण जानने के लिए जांच-पड़ताल की गई। परिजनों से भी उनकी हिस्ट्री (ब्योरा) लिया गया। अभी किसी में कोई बीमारी नहीं मिली है। न ही पेट दर्द का कारण स्पष्ट हुआ। इसलिए किसी का सैंपल नहीं लिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की सही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। उनके साथ बड़ोखर ब्लॉक के चिकित्साधिकारी डाॅ. विजय केसरवानी सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी व कर्मी उपस्थित रहे। सीएमओ ने बताया कि गांव में कैंप लगाकर जांच कराएंगे। मरीजों की सूची तैयार कर उन्हें दवाएं दी जाएंगी।

सिर्फ पेट दर्द से नहीं हो सकती मौत: फिजीशियन

रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजीशियन डाॅ. शैलेंद्र कुमार यादव का कहना है कि सिर्फ पेट दर्द के चलते चंद देर में दो भाइयों की मौत नहीं हो सकती। जहरीला पदार्थ या जहरीला कीड़ा काटने पर पेट दर्द होता है। गले में भी दिक्कत आ जाती है। उन्होंने आशंका जताई कि किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया और दोनों भाई इस बारे में समझ नहीं सके। फिलहाल पोस्टमार्टम के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी।

तीन बच्चों के बाद दो भाइयों की मौत ने उड़ाई नींद

सदर तहसील और मटौंध थाना क्षेत्र अंतर्गत त्रिवेणी गांव में तीन बच्चों की मौत की आंच अभी ठंडी नहीं पड़ी और चक चटगन गांव में दो चचेरे भाइयों की मौत ने अफसरों की नींद उड़ा दी। चंद्रबली और नीरज की मौत की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग सहित प्रशासनिक अधिकारी और राजस्व कर्मी भी मौके पर पहुंच गए। एसडीएम सुरभि शर्मा ने लेखपाल और ग्राम प्रधान से घटना की जानकारी ली। पारिवारिक स्थिति सहित मृतकों के ब्योरा आदि के बारे में शीघ्र रिपोर्ट तलब की है। गौरतलब है कि हाल ही में त्रिवेणी गांव में अंशु, अंश और उमंग की डिप्थीरिया रोग से ग्रसित होने पर मौत हो गई थी। इस गांव के कई बच्चे अभी भी बीमार हैं।

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