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उत्तर प्रदेश
गोरखनाथ ने योग को नई ऊंचाइयां देने में लगे CM योगी
Ritisha Jaiswal
21 Jun 2022 10:19 AM GMT
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शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करने में योग की बड़ी भूमिका है।
शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करने में योग की बड़ी भूमिका है। महर्षि पतंजलि ने योग को एक व्यवस्थित रूप दिया। वहीं नाथ पंथ और गुरु गोरखनाथ ने योग को विस्तृत रूप देकर उसे जन-जन तक पहुंचाने का काम किया। गुरु गोरखनाथ ने ही हठयोग का सिद्धांत बनाया। इसके माध्यम से उन्होंने शरीर शुद्धि, आचरण शुद्धि, व्यवहार शुद्धि और जीवन शुद्धि का मार्ग प्रशस्त किया।
बाबा गोरखनाथ
योग नाथ संप्रदाय की मुख्य देन है। आज जितने भी आसन, प्राणायाम, ध्यान प्रचलित हैं, इन सभी पर आदि गुरु मत्स्येंद्रनाथ, गुरु गोरखनाथ सहित 84 सिद्धों के आसनों की छाप और प्रेरणा दिखाई देती है। प्राचीन काल से गोरखपुर नाथ पंथ का केंद्र रहा है।
योग दिवस
पहले यहां योग केवल साधुओं तक सीमित था, लेकिन महंत दिग्विजयनाथ के समय इसका प्रचार-प्रसार जनता के बीच होना शुरू हुआ। महंत दिग्विजयनाथ के ब्रह्मलीन होने के बाद उनके शिष्य महंत अवेद्यनाथ और उनके बाद महंत योगी आदित्यनाथ इस योग साधना को और महत्व देते हुए नई ऊंचाई देने का कार्य कर रहे हैं।
गोरखनाथ मंदिर
1970 से गोरखनाथ मंदिर में लग रहा है योग शिविर
महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने बताया कि वर्ष 1970 में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की पहली पुण्यतिथि पर गोरखनाथ मंदिर में सात दिन तक चलने वाले योग शिविर की शुरुआत हुई। यह सिलसिला 2014 तक चला।
सीएम योगी आदित्यनाथ
2015 में योगी आदित्यनाथ ने बदल दिया शिविर का प्रारूप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर आठ साल पहले जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2014 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया तो गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने योग शिविर को दिवस की तिथि से जोड़ दिया। उसके बाद 2015 से साप्ताहिक योग शिविर का आयोजन 15 जून से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस यानी 21 जून तक होने लगा। आयोजन का स्वरूप व्यापक करने के लिए योगी ने योग शिविर से शिक्षक कार्यशाला को भी जोड़ दिया।।
Ritisha Jaiswal
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