उत्तर प्रदेश

लंबे समय से विभाग में जमे लिपिकों को ब्लॉक संसाधन केन्द्रों पर भेजा जाएगा

Admin Delhi 1
3 Feb 2023 9:26 AM GMT
लंबे समय से विभाग में जमे लिपिकों को ब्लॉक संसाधन केन्द्रों पर भेजा जाएगा
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मेरठ: बेसिक शिक्षा विभाग में जमे लिपिकों को बीआरसी पर भेजने का आदेश सचिव उप्र बेसिक शिक्षा परिषद् द्वारा 4 जुलाई 2021 को जारी किया गया था। इस आदेश में कहा गया था कि बीआरसी पर विद्यालयों से संबंधित कार्य करने के लिए स्टाफ की कमी है। इस वजह से सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का काम भी प्रभावित हो रहा है, जिससे लाभार्थियों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।

आदेश में कहा गया था जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय व खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय में कार्यालय में कार्यरत परिषदीय लिपिकों की वरिष्ठता जनपद में नियुक्ति तिथि से निर्धारित कर प्रत्येक ब्लॉक संसाधन केन्द्र पर अवरोही क्रम में भेजा जाए। बीएसए ने इस आदेश का पालन करते हुए मुख्यालय के 13 लिपिकों को ब्लॉक संसाधन केन्द्रों पर भेजने का आदेश जारी किया है, लेकिन इस आदेश में बड़ी चूक सामने आई है।

बीएसए द्वारा जारी आदेश की सूची में शामिल नाम

1 फरवरी को बीएसए द्वारा आदेश जारी किया गया जिसमें जिला मुख्यालय के 13 लिपिकों कनिष्ठ सहायक पुष्पा देवी को बीआरसी मेरठ नगर, कनिष्ठ सहायक अंकित कुमार अग्रवाल को जॉनी, कनिष्ठ सहायक सोनू कुमार को माछरा, कनिष्ठ सहायक सनम फतिमा को रोहटा, कनिष्ठ सहायक विपुल अग्रवाल को मवाना, कनिष्ठ सहायक मुजाहिर हुसैन को रजपुरा, कनिष्ठ सहायक अजय कुमार शर्मा (निलंबित) को हस्तिनापुर, वरिष्ठ सहायक संदीप जैन को मेरठ ग्रामीण, वरिष्ठ सहायक श्रवण कुमार को सरधना, वरिष्ठ सहायक धर्मेन्द्र कुमार को दौराला, वरिष्ठ सहायक प्रमोद हरित को परीक्षितगढ़, वरिष्ठ सहायक नीरज शर्मा को सरूरपुर व वरिष्ठ सहायक अमित कुमार भारद्वाज को बीआरसी खरखौदा भेजा गया है।

अवरोही क्रम का नहीं किया गया पालन

बीएसए द्वारा जारी आदेश में सचिव बेसिक शिक्षा के आदेश का पालन नहीं किया गया है। आदेश में कहा गया था अवरोही क्रम में वरिष्ठता के आधार पर लिपिकों को बीआरसी भेजा जाए। लेकिन जिन 13 लिपिकों की सूची जारी हुई है उनमें तीन लिपिकों के नाम शामिल नहीं है। वरिष्ठता के आधार पर अवरोही क्रम में तीन लिपिको की अनदेखी कर दी गई इनमें केशव राम, भारत भूषण व प्रदीप बंसल का नाम शामिल नहीं किया गया है। जबकि यह तीनों ही वरिष्ठता के आधार पर वरियता रखते है। मामले को लेकर बीएसए से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

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