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मेरठ: कैंट का वीआईपी इलाका गंदगी से सराबोर हैं। स्वच्छ कैंट के दावे को ये गंदगी मुंह चिढ़ा रही हैं। कैंट बोर्ड के पास सफाई करने के लिए लंबी-चौड़ी कर्मचारियों की फौज हैं, लेकिन फिर भी गंदगी सड़कों पर फैली रहती हैं। आखिर इसके लिए जवाबदेही किसकी हैं? कैंट बोर्ड सीईओ ज्योति कुमार मेरठ कैंट को स्वच्छता के लिहाज से टॉप पर ले जाने की कवायद कर रहे हैं, लेकिन सफाई की टीम उनके अरमानों को पलीता लगाने में लगी हैं।
कैंट के वीआईपी इलाका बीसी लाइन ऐरिया का स्वच्छता के मामले में ये हाल है तो बाकी आर्मी क्षेत्र की हालत क्या होगी? इसी से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता हैं। दरअसल, बीसी लाइन का इलाका वीआईपी हैं। यहां पर आर्मी आॅफिसर भी रहते हैं तथा गंदगी फिर भी साफ नहीं हो रही हैं। गंदगी के ढेर अब कूडा घर में ही नहीं लगते, बल्कि सड़कों पर गंदगी फैल गई हैं। इस गंदगी को कई-कई दिन तक नहीं उठाया जाता हैं।
कूड़ा घर जो बनाया गया, उसकी दीवार क्षतिग्रस्त हैं। कूड़ा घर में दूसरे इलाकों का कूडा भी सफाई कर्मी लाकर डालने लगे हैं, जिससे सड़क पर गंदगी फैल गई हैं। इससे संक्रमण बीमारी फैलने का खतरा पैदा हो गया हैं। आखिर कैंट बोर्ड के सफाई कर्मी चाहते क्या हैं, जिसके चलते कैंट बोर्ड अफसरों की छवि भी धूमिल हो रही हैं। कैंट बोर्ड की रेंक भी इस तरह से तो स्वच्छता अभियान में डाउन जाएगी।
शुक्रवार को कैंट बोर्ड सीईओ ज्योति कुमार ने कैंट क्षेत्र के कुछ इलाकों में पैदल घूमकर निरीक्षण भी किया था। बीसी लाइन पर लगे कूड़े के ढेर को भी सीईओ मौके पर जाकर देखे तो वास्तविकता सामने आ जाएगी कि किस तरह की सफाई कैंट क्षेत्र में चल रही हैं। सीईओ को सफाई कर्मचारी गुमराह कर रहे हैं। दूसरे स्थलों की गंदगी उठाकर इसी कूड़ा घर पर डाली जा रही हैं, जिसके चलते कूडा सड़क तक फैल गया हैं।
इतना कूड़ा डाला जा रहा हैं, जो कई क्षेत्रों का हो सकता हैं। ऐसा अनुमान हैं। महत्वपूर्ण बात ये है कि कैंट बोर्ड के स्वच्छता अभियान को भी इसमें झटका लग रहा हैं। दावे लंबे-चौड़े किये जा रहे हैं, लेकिन ग्राउंड स्तर पर हालात विकट हैं। आखिर इसके जिम्मेदारों पर क्या सीईओ की तरफ से कार्रवाई की जाएगी।