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सिविल इंजीनियर सागर चौहान को नौकरी का झांसा देकर म्यांमार में बंधक बनाया गया
लखनऊ: गुडम्बा के आधारखेड़ा निवासी सिविल इंजीनियर सागर चौहान और उसके दोस्त को नौकरी का झांसा देकर म्यांमार में बंधक बना लिया गया है। आरोप है कि उनको बंदूक की नोंक पर साइबर ठगी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। मना करने पर उनकी पिटाई होती है। दोनों ने किसी तरह परिजनों से संपर्क कर मदद मांगी। सागर के भाई ने बंधक बनाने वालों के खाते में 8.14 लाख रुपये ट्रांसफर किए। इसके बाद भी दोनों युवकों को नहीं छोड़ा गया। सिविल इंजीनियर के भाई ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में एफआईआर दर्ज कराई है।
व्हाट्सएप पर वीडियो भेजकर दी जानकारी, मांगी मदद
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रभारी निरीक्षक दशरथ सिंह के मुताबिक, मूलरूप से देवरिया निवासी रियल एस्टेट व स्टील कारोबारी जोगिंदर चौहान ने एफआईआर दर्ज कराई है। कारोबारी जोगिंदर परिवार सहित गुडंबा के आधारखेड़ा में रहते हैं। उनका छोटा भाई सागर चौहान सिविल इंजीनियर है। वह विदेश में नौकरी की तलाश कर रहा था। इस सिलसिले में भाई की मुलाकात गुडंबा के चेतनपुरवा निवासी राहुल उर्फ आरुष गौतम से हुई। बातचीत में राहुल ने उनके भाई को मलेशिया में नौकरी दिलाने का दावा किया था। इसके लिए उसने एजेंट रॉबिन हुड से बात कराई। इसके बाद 26 मार्च को राहुल उर्फ आरुष गौतम उनके भाई सागर व दोस्त अजय को मलेशिया लेकर गया। आरोप है कि, वे लोग सागर को मलेशिया की जगह म्यांमार ले गए। फोन और वाट्सएप कॉल के जरिए भाई सागर ने परिजनों को इस बात की जानकारी दी थी। उसने व्हाट्सएप पर लिखा कि ये लोग बहुत खतरनाक हैं और मुझे सबके साथ बंधक बना लिया है। इसका वीडियो भी सिविल इंजीनियर ने परिजनों को भेजा है।
छोड़ने के लिए वसूले 8.14 लाख रुपए
जोगिंदर ने बताया कि मानव तस्करी से जुड़े रॉबिन हुड को सागर व उसके दोस्त अजय को छोड़ने के एवज में 8.14 लाख रुपए उनके खाते में ट्रांसफर किए। बावजूद इसके बाद आरोपियों ने दोनों को अपने चंगुल से नहीं छोड़ा। किसी अनहोनी की आशंका पर पीड़ित ने गुडंबा थाने में भी लिखित शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इसके बाद पीड़ित ने डालीगंज स्थित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में राहुल उर्फ आरूष गौतम व रॉबिन हुड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई।