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कानपूर न्यूज़: शहरवासियों को नगर निगम की ओर से बड़ी राहत देने का बड़ा झूठ उजागर हुआ है. मोतीझील के कारगिल पार्क में बोटिंग की दरें सस्ती करने का जो ऐलान 17 दिसंबर 2022 को किया गया था, उसमें एक प्रतिशत भी सच्चाई नहीं निकली. हकीकत यह है कि आज भी बोटिंग की दरें वही हैं जो पहले से तय थीं.
17 दिसंबर को नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में यह मुद्दा उठाया गया था. बैठक निवर्तमान महापौर प्रमिला पांडेय की अध्यक्षता में हुई थी. नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन की मौजूदगी में महापौर से सदस्यों ने स्मार्ट सिटी के कार्यों पर आपत्ति जताई. यह कहा गया कि कारगिल पार्क का रखरखाव नगर निगम के पास है. स्मार्ट सिटी द्वारा बिना कार्यकारिणी और सदन से अनुमति लिए ही मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है. शहरवासियों को बोटिंग के लिए 70 से 160 रुपये तक देने पड़ रहे हैं. जनहित में इस शुल्क की दरें सस्ती होनी चाहिए.
बैठक के बाद महापौर ने किया था ऐलान बैठक के बाद निवर्तमान महापौर ने मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी थी कि कार्यकारिणी के सभी सदस्यों की सहमति के बाद दरें कम कर दी गईं हैं. शिकारा बोट का शुल्क प्रति व्यक्ति 100 रुपये से 15 रुपये और पैडल बोट का प्रति व्यक्ति 70 रुपये से 10 रुपये हो गया है. स्टीमर के शुल्क को सस्ता करने के लिए अगले दिन 18 दिसंबर को बैठक आयोजित करने की जानकारी दी गई. इन तीनों निर्णयों में किसी का पालन नहीं हुआ. यह राहत सिर्फ अखबारों की सुर्खियों तक ही सीमित रह गईं.
नगर निगम के निर्णय स्मार्ट सिटी पर लागू नहीं नोडल अधिकारी स्मार्ट सिटी आरके सिंह के मुताबिक नगर निगम द्वारा लिए गए कोई भी निर्णय स्मार्ट सिटी पर लागू नहीं हैं. इस कंपनी का बजट भी केंद्र से ही आवंटित होता है. यह पहले से तय है कि कंपनी जो भी कार्य करेगी उसके लिए नगर निगम की संपत्तियां इस्तेमाल की जाएंगी. अन्य विभागों का भी सहयोग होगा. अगर इसकी दरें सस्ती कर दी जाएं तो रखरखाव करना मुश्किल हो जाएगा. पुरानी दरें बरकरार हैं. लोग खूब आनंद उठा रहे.