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महापुरुषों की जीवन गाथा पढ़कर भारतीय संस्कृति से रूबरू होंगे बच्चे
फैजाबाद न्यूज़: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इसी शिक्षा सत्र से पाठ्यक्रमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. यूपी बोर्ड के छात्र-छात्राओं को अब वीर सावरकर समेत 50 महापुरुषों की जीवनी पढ़ाई जाएगी. नैतिक शिक्षा, योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा विषय में शामिल इन महापुरुषों की जीवनी जुलाई में स्कूल खुलने के बाद से पढ़ाई शुरू हो जाएगी. महापुरूषों की जीवन गाथा पढ़ने से नई पीढ़ी के बच्चे भारतीय सभ्यता के बारे में समझेंगे. माध्यमिक स्कूलों की पाठ्य पुस्तकों में उन महापुरूषों को लाया जा रहा है जिनके बारे में हमारे समाज के बच्चे अभी कुछ नहीं जानते हैं. इससे पाश्यात्य संस्कृत पढ़ने वाले बच्चों को भारतीय संस्कृति की जानकारी होगी.
मंजूशा मिश्रा, प्राचार्य राजा मोहन गर्ल्स पीजी कॉलेज
परिस्थिति के अनुसार बच्चों को जानकारी होना उनके हित के लिए आवश्यक है. जिन महापुरूाों का समाज में योगदान रहा है. जो महापुरूष पहले के पाठ्यक्रम में छूट गए थे उनको शामिल किया गया है. इससे बच्चों को जानकारी होगी.
डॉ.मणिशंकर तिवारी, प्रधानाचार्य एसएसवी इंटर कॉलेज
आज की जो आधुनिक शिक्षा है उसके आगे महापुरूषों के बारे में बच्चों को जानकारी नहीं हो पा रही थी. अब जब बच्चे अपने महापुरूषों के बारे में पढे़ंगे और उन्हें जानेंगे कि उन्होंने समाज के लिए क्या योगदान दिया.
संजीव चतुर्वेदी, प्रधानाचार्य पं. हृदयराम शर्मा पीडी पाण्डेय इंटर कॉलेज सोनैसा
दसवीं और 12वीं के बच्चे पाठ्यक्रम में महापुरूषों की जीवनी से सीख लेंगे. उनके बारे में बच्चे पढ़ेंगे तो कुछ न कुछ तो बदलाव होगा ही. लेकिन यह माहौल और बच्चों की पढ़ाई पर निर्भर है. उनकी सोच में परिवर्तन होगा.
स्वामीनाथ राम, प्रधानाचार्य राजकरण इंटर कॉलेज
महापुरूषों की जीवन परिचय और उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने से बच्चों को उनके बारे में जानकारी मिलने के साथ उनसे प्रेरणा मिलेगी. उन्हें बेहतर ज्ञान प्राप्त होगा.
जितेन्द्र कुमार राव, प्रधानाचार्य, एमएलएमएल इंटर कॉलेज