उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर राहत सामग्री की वितरित

Admin Delhi 1
14 Oct 2022 6:28 AM GMT
मुख्यमंत्री योगी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर राहत सामग्री की वितरित
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लखनऊ: मुख्यमंत्री ने गुरुवार को सिद्धार्थनगर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद डुमरियागंज तहसील के भनवापुर में मैहतिनिया गौशाला के निकट बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। उनका हाल जाना और राहत सामग्री वितरित की। आश्वस्त किया कि हर संकट में सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

पीड़ितों को फ्री दिया जाएगा राशन: हवाई सर्वेक्षण, बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात और राहत सामग्री वितरित करने के बाद सीएम योगी ने जनता को आश्वस्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न और अन्य सामग्री का वितरण कराया जा रहा है। दो तरह की किट में दी जा रही राहत सामग्री किट में 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 2 किलो अरहर दाल, आधा किलो नमक, 250 ग्राम हल्दी, 250 ग्राम मिर्च, 250 ग्राम सब्जी मसाला, एक लीटर रिफाइंड तेल, पांच किलो लाई, दो किलो भूना चना, एक किलो गुड़, 10 पैकेट बिस्कुट, एक पैकेट माचिस, एक पैकेट मोमबत्ती, दो नहाने का साबुन शामिल है। इसके अलावा 10 किलो आलू, पांच लीटर केरोसिन, पांच लीटर क्षमता के दो जरीकेन, 15 गुणे 10 फीट की एक तारपोलीन शीट भी दी जा रही है।

घबराने या परेशान होने की आवश्यकता: योगी योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सबने पहली बार अक्टूबर में अप्रत्याशित बाढ़ को देखा है। अक्टूबर महीने में जब फसल कटती है, रामलीलाओं का दौर चलता है तब फसलें डूब गई हैं। लोग छतों पर रहने को विवश हैं। इसके बावजूद किसी को भी घबराने या परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। आपदा कि इस घड़ी में सरकार सभी पीड़ितों के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। प्रकृति की त्रासदी का सामना कर राहत देना सरकार की प्राथमिकता है और इसमें कहीं कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

पशुपालन विभाग को दिए निर्देश: सीएम योगी ने कहा कि किसके साथ थी पशुओं को प्रतिदिन 5 किलो चारा उपलब्ध कराने का निर्देश पशुपालन विभाग को दिया गया है। सिद्धार्थनगर जिले में करीब 200 गांव की एक लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। तीन-चार दिन में बाढ़ का पानी उतरेगा। इस बीच प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि अतिरिक्त नाव और स्टीमरों के साथ अतिरिक्त मैन पावर लगाकर राहत सामग्री का हर पीड़ित तक ससमय वितरण सुनिश्चित किया जाए। फसलों का समय पर सही जायजा लिया जाए ताकि अन्नदाता किसानों को क्षतिपूर्ति की धनराशि नकद भुगतान की जा सके। जिन बाढ़ प्रभावित गांवों में भोजन बनाने की व्यवस्था नहीं है, वहां पर कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की जाए। यदि ग्राम में कम्युनिटी किचन उपलब्ध नहीं हो पा रही है तो वहां पर लोगों को सुबह और रात्रि में भोजन के पैकेट उपलब्ध कराये जाए।

जनहानि, अंग भंग और क्षतिग्रस्त मकानों के लिए सरकार देगी भरपूर मदद: मुख्यमंत्री ने कहा, "बाढ़ प्रभावित परिवारों को युद्ध स्तर पर राहत सामग्री वितरित करने का निर्देश प्रशासन को दिया गया है ताकि किसी को भी परेशान न होना पड़े। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि बाढ़ से जनहानि पर पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा तत्काल उपलब्ध कराया जाए। अंग भंग होने पर 60 हजार से लेकर 2.5 लाख रुपये तक की सहायता के साथ ही गंभीर रूप से घायलों को भी आर्थिक मदद दी जाएगी। बाढ़ से जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं उन्हें 1.20 लाख रुपये मुख्यमंत्री आवास योजना के तर्ज पर मकान बनाने के लिए दिए जाएंगे।"

किसानों, पशुपालकों को हुए नुकसान पर सहायता राशि देगी सरकार: योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ के चलते क्षतिग्रस्त पशुओं का भी सर्वे कराया जा रहा है, जिन किसानों की फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं, सर्वे कराकर उन्हें हम 18 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से क्षतिपूर्ति देंगे। बारहमासी फसलों पर 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता राशि दी जाएगी। इसी तरह दुधारू पशु गाय, भैंस आदि के मरने पर 35,000, बकरी, भेड़, सूअर के मरने पर 4,000, गैर दुधारू पशु ऊंट, घोड़ा आदि के मरने पर 32,000, बछड़ा, गधा, टट्टू आदि के मरने पर 20,000 हजार रुपये की दर से पशुपालकों को सहायता राशि दी जाएगी। मुर्गी पालकों को हुई क्षति पर प्रति मुर्गी 100 रुपये की दर से सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही सरकार मत्स्य पालकों को हुए नुकसान पर भी सहायता देगी।

यह लोग रहे उपस्थित: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ सांसद जगदम्बिका पाल, विधायक श्यामधनी राही, विनय वर्मा, पूर्व मंत्री सतीश द्विवेदी, पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह सहित प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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