उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काकोरी कांड के नायकों को किया नमन

Gulabi
19 Dec 2021 9:05 AM GMT
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काकोरी कांड के नायकों को किया नमन
x
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यानी रविवार को लखनऊ में काकोरी ट्रेन एक्शन के वीरों को नमन किया
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यानी रविवार को लखनऊ में काकोरी ट्रेन एक्शन के वीरों को नमन किया। इस दौरान उन्होंने लखनऊ में काकोरी शहीद स्मारक स्थल पर शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। वहीं इस दौरान जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'हमारे वीरों ने 1925 में काकोरी में ब्रिटिश खजाना लूटकर ब्रिटिश सरकार को चुनौती दी थी। लखनऊ में काकोरी घटना के नायकों में राजेन्द्र नाथ लाहिरी, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह व अशफाक उल्ला खां को फांसी की सजा सुनाई गई। जिनमें राजेन्द्रनाथ लाहिरी को 17 दिसंबर ही फांसी दी गई। वर्ष 1925 में काकोरी में काकोरी ट्रेन एक्शन से जुड़े हुए नायकों ने ब्रिटिश खजाने पर कब्जा जमाकर एक चुनौती ब्रिटिश हुकूमत को दी थी। देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस पर कोटि-कोटि नमन।'
आगे उन्होंने कहा, 'गोरखपुर के चौरा चौरी में एक ऐतिहासिक घटना हुई थी। वहां के किसानों, मजदूरों, महिलाओं और नौजवानों ने तब की ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी थी। देश की आजादी के लिए अलग-अलग समय व विभिन्न स्थानों पर भारत के महापुरुषों और क्रांतिकारियों ने निरंतर प्रयास किए हैं। 1857 में आजादी के लिए एक सामूहिक प्रयास हुआ था। गोरखपुर की जेल में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल जी से उनकी अंतिम इच्छा पूछी गई तो उन्होंने बड़ी बेबाकी से यह जवाब दिया था। हे ईश! भारतवर्ष में, शत बार बार मेरा जन्म हो,कारण सदा ही मृत्यु का, देशोपकारक कर्म हो।'
इसी के साथ उन्होंने कहा, 'गोरखपुर के चौरा चौरी में एक ऐतिहासिक घटना हुई थी। वहां के किसानों, मजदूरों, महिलाओं और नौजवानों ने तब की ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी थी। देश की आजादी के लिए अलग-अलग समय व विभिन्न स्थानों पर भारत के महापुरुषों और क्रांतिकारियों ने निरंतर प्रयास किए हैं। 1857 में आजादी के लिए एक सामूहिक प्रयास हुआ था। गोरखपुर की जेल में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल जी से उनकी अंतिम इच्छा पूछी गई तो उन्होंने बड़ी बेबाकी से यह जवाब दिया था। हे ईश! भारतवर्ष में, शत बार बार मेरा जन्म हो,कारण सदा ही मृत्यु का, देशोपकारक कर्म हो।'
वहीं इस दौरान आगे उन्होंने कहा, 'मैं आप सभी का आह्वान करता हूं कि देश के उन क्रांतिकारियों की प्रेरणा से अनुप्रेरित होकर भारत की स्वतंत्रता को अक्षुण्य बनाए रखने व भारत को दुनिया में महाशक्ति के रूप स्थापित करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प के साथ जुड़ें। देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। यह अमृत महोत्सव देश की आजादी की ऊर्जा का, क्रांतिकारियों के विचारों का, भारत के कल्याण का, भारत को दुनिया में एक महाशक्ति बनाने का तथा भारत को आत्मनिर्भर बनाने का होना चाहिए। भारत की स्वाधीनता क्रांतिकारियों के बलिदान का परिणाम है। हमारी इन क्रांतिकारियों की प्रेरणा से स्वतंत्र भारत के उन्मुक्त वातावरण में देश के विकास-लोककल्याण के लिए, गांव-गरीब, किसान, महिलाएं तथा समाज के प्रत्येक तबके के विकास के लिए कार्य कर रही है।'
Next Story