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उत्तर प्रदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंडी परिषद के निदेशक मंडल के साथ बैठक की
Shantanu Roy
28 Dec 2022 4:58 PM GMT
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बड़ी खबर
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की 166वीं बैठक संपन्न हुई। बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा किसानों का हित संरक्षण सुनिश्चित करते हुए विभिन्न दिशा-निर्देश दिए गए। राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा किसानों के हित का ध्यान रखते हुए किये जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। मंडी शुल्क को न्यूनतम करने के बाद भी राजस्व संग्रह में मंडियों का अच्छा योगदान है। चालू वित्तीय वर्ष में अप्रैल से नवंबर तक 972 करोड़ से अधिक की आय मंडी परिषद को हुई है, जो कि पिछले वित्तीय वर्षों के सापेक्ष अच्छी प्रगति दर्शाता है। हमें इस वित्तीय वर्ष 1500 करोड़ के राजस्व संग्रह के लक्ष्य के साथ काम करना चाहिए। कृषि और खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक नीतिगत प्रयास किए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में मंडी परिषद के निदेशक मंडल के साथ बैठक की। pic.twitter.com/LUnWZr2X7p
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 28, 2022
प्राकृतिक खेती को प्रोत्सहित करने के लिए भी योजनाबद्ध रीति से कार्य किया जा रहा है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले, उत्पाद की ब्रांडिंग हो, सही बाजार मिले, इसके लिए राजधानी लखनऊ में 'एग्री मॉल' स्थापित किया जाना आवश्यक है। यहां किसान सीधे अपने फल, सब्जियों की बिक्री कर सकेंगे। उपभोक्ताओं के लिए अच्छी गुणवत्ता के फल, सब्जियां और खाद्यान्न उपलब्ध होगा। मॉल में किसानों के विश्राम के लिए आवश्यक सुविधाएं हों। गोमतीनगर के विकल्प खंड में उपलब्ध लगभग 8000 वर्गमीटर भूमि सात मंजिला आधुनिक एग्रो मॉल की स्थापना के लिए उचित होगा। मॉल में किसानों/खरीदारों के वाहनों की पार्किंग के लिए समुचित व्यवस्था हो। कृषि कार्य मे टिशू कल्चर तकनीक के प्रयोग के अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। प्रदेश में इस तकनीक को प्रोत्साहित करने के लिए अयोध्या में केले की खेती को बढ़ावा देने के लिए टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना की जानी चहिए। इस संबंध में विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत किया जाए। कृषि उपजों की ई-नीलामी या डिजिटल प्लेटफार्म सर्विस प्रोवाइडर के लिए लाइसेंस बनवाने के लिए मंडी नियमावली में यथा आवश्यक संशोधन किया जाए। निजी क्षेत्र की सहभगिता किसानों को एक नया विकल्प देगी, साथ ही मंडी परिषद की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
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