उत्तर प्रदेश

फतेहपुर में रहने वाले फूफा के संपर्क में आने के बाद किया धर्म परिवर्तन, चल रही तफ्तीश

Admin Delhi 1
20 Jan 2023 8:22 AM GMT
फतेहपुर में रहने वाले फूफा के संपर्क में आने के बाद किया धर्म परिवर्तन, चल रही तफ्तीश
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इलाहाबाद न्यूज़: आपत्तिजनक इस्लामिक साहित्य की मदद से हिंदू धर्मग्रंथ के खिलाफ दुष्प्रचार कर गरीबों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था. उन्हें धर्म कबूल करने के लिए तरह-तरह के ऑफर दिए गए. हनुमानगंज का आशीष धर्म परिवर्तन करने के बाद जब खतना कराने के लिए तैयार हो गया तो उसे इनाम में स्टूडेंट इस्मालिक आर्गनाइजेशन पूर्वी उत्तर प्रदेश का जोनल सचिव बना दिया गया.

पुलिस की जांच में पता चला कि हनुमानगंज के सुदनीपुर कला गांव निवासी आशीष कुमार गुप्ता के मां-बाप मुम्बई में रहते हैं. उसके फूफा फतेहपुर में रहते हैं. करीब 20 साल पहले आशीष के फूफा ने धर्म परिवर्तन कर लिया था. अब उनकी पहचान सईद अहमद के रूप में है. सईद अहमद के संपर्क में आने के बाद से आशीष की गतिविधियां बिगड़ने लगी. वह 2012 में इस्लामिक संगठनों के साथ मिलकर काम करने लगा था. वह मुम्बई से लेकर कई बड़े जिलों में आयोजित बैठकों में शामिल हुआ. सबसे अहम बात यह सामने आई है कि 11वीं पास आशीष ने हिन्दू से मुस्लिम बनने के बाद अपना नाम मो. मोनिश रख लिया. करीब दो साल पहले मुस्लिम धर्म स्वीकार करने के बाद उर्दू सीखने के लिए वह आजमगढ़ गया. वहीं मदरसे से उर्दू सीखी. आजमगढ़ में एक साल तक उसे मजहबी तालीम दी गई. इस बीच शिक्षक महमूद हसन गाजी और नरेश उर्फ समीर के साथ मिलकर काम करने लगा था. समीर का निकाह भी मो. मोनिश के फूफा ने एक मुस्लिम लड़की से कराया था.

कस्टडी रिमांड पर लेगी पुलिस:

धर्म परिवर्तन समेत संगीन आरोपों में पकड़े गए शिक्षक समेत तीनों आरोपियों को पुलिस को कोर्ट में पेश करेगी. पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने की अर्जी देगी. पुलिस का कहना है कि इनसे अभी पूछताछ नहीं हो सकी है. आरोपी विदेश भी गया है. उसके पासपोर्ट का पता नहीं चला है. पासपोर्ट समेत अन्य चीजों की बरामदगी करनी है. इसलिए कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करने पर ही अनसुलझे सवालों के जवाब मिलेंगे.

पीएफआई, एनआरसी कनेक्शन की जांच

पुलिस और खुफिया एजेंसियां शिक्षक महमूद हसन की जन्मकुंडली निकाल रही हैं. यह भी चला है कि प्रयागराज में एनआरसी और अटावा बवाल के आरोपियों से शिक्षक के अच्छे संबंध हैं. जांच चल रही है कि कहीं प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से इसका कोई लिंक तो नहीं है. क्योंकि अभी तक प्रयागराज पुलिस पीएफआई से जड़े सदस्यों और प्रयागराज में उनकी सक्रियता का खुलासा नहीं कर सकी है. अटावा बवाल के दौरान पता चला कि पीएफआई का प्रयागराज से लिंक नहीं था जबकि खुफिया एजेंसियां मान रही थी कि प्रयागराज में जरूर लिंक होगा.

दोनों युवक विदेश भेजते थे फोटो और नाम पता:

पुलिस ने बताया कि पकड़े गए दोनों युवक जिन्हें इस्लामिक साहित्य बांटते थे उनका नाम और पता भी डायरी में अंकित करते थे. उसकी फोटो भी रख लेते थे. शिक्षक महमूद हसन यह जानकारी विदेश भेजकर बताता था कि उसने कितने लोगों का माइंड वाश किया है. इससे उसको रुपये मिलते थे. खुफिया एजेंसियां यह पता लगा रही है कि इसमें और कितने लोग शामिल हैं.

हनुमान मंदिर से अस्सी घाट तक बांटा साहित्य:

माघ मेले में पकड़े गए मो. मोनिश और समीर कई महीनों से आपत्तिजनक साहित्य बांट रहे थे. दोनों किताब का स्टाल लगाने के नाम पर आपत्तिजनक साहित्यों को मुफ्त में बांटते थे. एडीसीपी क्राइम की मानें तो माघ मेला से पहले ये बड़े हनुमान मंदिर और वाराणसी के अस्सी घाट पर भी स्टाल लगाकर आपत्तिजनक साहित्य बांट चुके हैं.

इन्हें किया गया गिरफ्तार:

● महमूद हसन गाजी-हुसैनगंज,फतेहपुर-वर्तमान पता जीटीबी नगर करेली.

● मो. मोनिश उर्फ आशीष गुप्ता -हनुमानगंज, सरायइनायत.

● समीर उर्फ नरेश कुमार सरोज-पिपरी, कौशाम्बी.

बरामदगी:

● आपत्तिजनक धार्मिक पुस्तकें 204.

● तीन मोबाइल, चार आधार कार्ड.

● 2600 रुपये, एक ठेला और डायरी.

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