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मौसम में बदलाव: गेहूं की फसल के लिए आफत बनी बारिश
मोदीपुरम: मार्च के महीने में ही गर्मी का प्रकोप बढ़ने लगा था। बढ़ती गर्मी के कारण वैज्ञानिक मौसम में बदलाव के संकेत दे रहे थे। शनिवार को सुबह से ही मौसम में बदलाव दिखाई दिया। आसमान में काले बादल छा गए और दिन निकलते ही हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई। हालांकि सुबह 10 बजे के बाद फिर से हल्की धूप निकली, लेकिन फिर मौसम में बदलाव हुआ और शहर से लेकर देहात तक झमाझम बारिश हुई। बारिश होने के कारण मौसम खुशनुमा हो गया और लोगों को बढ़ती गर्मी से राहत मिली।
अब वैज्ञानिक संकेत दे रहे हैं कि रविवार को मौसम साफ रहेगा और अगले पांच दिन मौसम में कोई बदलाव नहीं होगा। पांच दिन के बाद फिर से मौसम में बदलाव होगा और अगले चार दिन तक फिर से बारिश होने की संभावना है। जिसके चलते लोगों को फिर से राहत मिलेगी। फसल प्रणाली अनुसंधान संस्थान के मौसम वैज्ञानिक डा. एन सुभाष के अनुसार रविवार को दिन का तापमान 27 और 28 डिग्री के आसपास रहेगा।
जबकि रात में तापमान 17 और 18 डिग्री पर पहुंच सकता है। राजकीय मौसम वैधशाला पर शनिवार को दिन का अधिकतम तापमान 24.7 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 17.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता 94 एवं न्यूनतम आर्द्रता 65 प्रतिशत दर्ज की गई। हवा का रुख सुबह और शाम में चार किमी से लेकर 16 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से आंका गया। जबकि बारिश 15.3 मिमी दर्ज की गई है।
गन्ने, सब्जियों एवं जायद की फसलों के लिए अच्छी है बारिश: सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि के कृषि वैज्ञानिक डा. आरएस सेंगर का कहना है कि बारिश होने से सरसों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। साथ साथ जो गेहूं की फसल पकने के लिए तैयार थी बालियां बहुत अच्छे थे। अचानक हुई बारिश के कारण खेत में पानी भर जाने के कारण खेत में ही पौधे गिर गए है। इन पौधों में दाने कमजोर रह जाएंगे या फिर काले हो जाएंगे।
जिससे गेहूं की उपज प्रभावित होगी, लेकिन जो फसल देर से लगी गई थी और अधिक तापमान के चलते जिसमें कम गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान था। उन्होंने बताया कि वह फसल अब तापमान कम होने के कारण ठीक हो जाएगी। जिन लोगों की खेत में सरसों खड़ी हुई है या फिर कट गई थी। पानी भरने के कारण वह भी खराब होगी। साथ ही जिन लोगों ने अभी आलू की खुदाई नहींं कर पाए थे। वह आलू की फसल भी प्रभावित होगी। गन्ने सब्जियों एवं जायद की फसल के लिए पानी अच्छा रहेगा।
बारिश से प्रदूषण भी हुआ कम: प्रदूषण भी बारिश के होने से कम हुआ है। मेरठ में प्रदूषण 126 बागपत में 130, गाजियाबाद में 139, मुजफ्फरनगर में 135 दर्ज किया गया। गंगानगर में 115, पल्लवपुरम में 113, जयभीमनगर में 140 दर्ज किया गया।
बारिश ने खोल दी नगर निगम की पोल: शनिवार को दोपहर बाद शुरु हुई भीषण बारिश ने नगर निगम की पोल खोल दी। चार घंटे की बारिश ने जगह जगह जलभराव की स्थिति पैदा कर दी और सड़कों पर कीचड़ के कारण वाहन चालकों को परेशानी करना पड़ा। दोपहर एक बजे से शुरु हुई बारिश शाम पांच बजे तक चली। तेज बारिश ने जहां मौसम खुशगवार कर दिया वहीं शहर के कई हिस्सों में पानी भर गया।
वहीं कोटला का नाला, आबू नाला और ओडियन नाले में ओवरफ्लो होने के कारण आसपास की गलियों में पानी भर गया। इसके अलावा जिला अस्पताल के सामने सड़क पर पानी काफी देर तक भरा रहा। कई जगहों पर दोपहिया वाहन चालक कीचड़ के कारण फिसले भी। शाम पांच बजे के बाद जब बारिश बंद हुई तब जाकर लोगों को राहत मिली। देर शाम बाद भी बागपत रोड पर जगह जगह जलभराव से लोगों को परेशानी करना पड़ा। उधर, मौसम में शहरवासियों ने थोड़ी ठंड महसूस की।