उत्तर प्रदेश

संघ में फेरबदल की संभावना, भाजपा में भेजे जा सकते हैं कुछ प्रचारक

Shantanu Roy
16 Oct 2022 4:54 PM GMT
संघ में फेरबदल की संभावना, भाजपा में भेजे जा सकते हैं कुछ प्रचारक
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प्रयागराज। संगम नगरी प्रयागराज में चार दिनों तक चलने वाली अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में समसामयिक विषयों के अलावा देश के राजनीतिक हालात पर भी मंथन होगा। वर्ष 2024 में जहां देश में लोकसभा के चुनाव संपन्न होने हैं वहीं इसी वर्ष 2022 में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए संघ कुछ प्रचारकों को संगठन मंत्री के रूप में काम करने के लिए भाजपा में भेज सकती है। इसके अलावा प्रांत व क्षेत्र स्तर के प्रचारकों के दायित्व में फेरबदल की भी संभावना है। संघ कार्य को गति देने की दृष्टि से जहां सह प्रांत प्रचारक के रूप में कई वर्षों से काम कर रहे प्रचारकों को नई जिम्मेदारी दी जा सकती वहीं लंबे समय से प्रांत प्रचारक व क्षेत्र प्रचारक के रूप में काम कर रहे वरिष्ठ प्रचारकों को विविध क्षेत्रों में भेजा जा सकता है। वहीं कुछ प्रांत प्रचारकों को इधर से उधर भी किया जा सकता है।
इस बार प्रतिनिधि सभा में नहीं हुआ था विशेष परिवर्तन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मार्च में होने वाली प्रतिनिधि सभा की बैठक में विशेष रुप से प्रांत वह इससे ऊपर के प्रचारकों के दायित्व में परिवर्तन होता है। लेकिन इस बार मार्च 2022 में कर्णावती में संपन्न संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ था। मार्च में झारखंड के प्रांत प्रचारक रहे दिलीप को पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र का सामाजिक समरसता का कार्य सौंपा गया था। उत्तर प्रदेश से संबंधित यही एकमात्र परिवर्तन था। इसलिए शताब्दी वर्ष और लोकसभा चुनाव को देखते हुए कार्यकारी मंडल की बैठक में परिवर्तन होने की संभावना हैं।
अवध, कानपुर व काशी के सह प्रांत प्रचारकों का हो सकता है प्रमोशन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में अवध, कानपुर, काशी व गोरक्ष चार प्रांत है। इन चारों प्रांतों के सह प्रांत प्रचारक चाहे अवध प्रांत के मनोज, काशी प्रांत के मुनीष और कानपुर के रमेश को इस पद पर काम करते हुए कई वर्ष हो चुके हैं। इन तीनों प्रांतों के सह प्रांत प्रचारक दो -दो प्रांतों में सह प्रांत प्रचारक की जिम्मेदारी का निर्वहन कर चुके हैं। इसलिए इनके प्रमोशन की उम्मीद है। वहीं उत्तराखंड, ब्रज प्रांत व गोरक्ष प्रांत में फेरबदल की संभावना है।
संघ के लिए अहम है वर्ष 2024
वर्ष 2024 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए सबसे अहम है। क्योंकि वर्ष 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर संघ देशभर में शताब्दी वर्ष मनाने की भव्य तैयारी में जुटा है। इसलिए इस समय संघ का पूरा होकर शाखा कार्य विस्तार पर है। वहीं देश की दशा और दिशा तय करने वाला लोकसभा चुनाव भी 2024 में है। केंद्र में भाजपा की सत्ता भी बहुत जरूरी है। क्योंकि संघ जिस लक्ष्य और उद्देश्य की पूर्ति के लिए समाज में काम कर रहा है वर्तमान केंद्र सरकार उस में सहायक सिद्ध हुई है। इसलिए संघ नहीं चाहता कि किसी भी स्थिति में केंद्र से सत्ता भाजपा के हाथ से जाए। इसलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले विधानसभा चुनाव को भी गंभीरता से ले रहा है।
भाजपा में संघ से जाते हैं संगठन मंत्री
भाजपा में संगठन मंत्री राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जाते हैं। भाजपा में इन दिनों संगठन मंत्रियों की मांग भी है। भाजपा ने उत्तर प्रदेश को संगठन की दृष्टि से छः क्षेत्रों में बांटा है। पहले भाजपा में प्रदेश संगठन मंत्री के अलावा इन सभी क्षेत्रों में भी एक -एक संगठन मंत्री थे । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में कर्मवीर को प्रदेश सह संगठन मंत्री बनाकर भेजा गया था । उन्हें भी झारखंड का प्रदेश संगठन मंत्री बना दिया गया है। उत्तर प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में अब संगठन मंत्री नहीं हैं। इसलिए लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा इन सभी क्षेत्रों में क्षेत्र संगठन मंत्री की नियुक्ति कर सकती है। अब देखना यह है कि कार्यकारी मंडल की बैठक में संघ अपने प्रचारकों को भाजपा में भेजने का निर्णय करता है कि नहीं। हलांकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर का कहना है कि कार्यकारी मंडल की बैठक में संघ कार्य की समीक्षा होती है और समसामयिक मुद्दों पर चर्चा होती है।
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