उत्तर प्रदेश

चकरोड का सीमांकन रुका,ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

Kajal Dubey
31 July 2022 6:11 PM GMT
चकरोड का सीमांकन रुका,ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
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ज्ञानपुर। अभियान चलाकर सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने का मामला ठंडा पड़ते ही भूमाफियाओं की हलचल तेज होने लगी है। लगभग 70 वर्ष से एकमात्र रास्ते के लिए परेशानी उठा रहे मवैयाथान सिंह-लखनपुर गांव के ग्रामीणों ने शनिवार को मुख्यालय पर विरोध-प्रदर्शन कर अधिकारियों को मांगपत्र सौंपा।
ग्रामीण जयप्रकाश ने आरोप लगाया है कि राजस्व खतौनी में 16 फीट चौड़ा और दो किमी लंबा चकरोड दर्ज होने के बाद भी नहीं बन रहा है। चकरोड के नहीं बनने से लगभग पांच सौ परिवार बारहों माह खेत के मेड़ और दक्षिणी-पश्चिमी सीमा से तीन-तीन किमी का अतिरिक्त चक्कर लगाकर ही घर पहुंचते हैं। कोटे की दुकान पर नि:शुल्क राशन लेने, किसी रिश्तेदार के आने पर गृहस्थी के सामानों को खरीदने, किसी परिवार के बीमार होने की स्थिति में एकमात्र रास्ते का मलाल सभी को रहता है। यहां तक कि आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकृत बच्चे, धात्री, गर्भवती महिलाएं रास्ते के अभाव में नहीं पहुंच पाते। कर्मचारी गिरते-बचते अपने कार्य स्थल पर पहुंच पाते है। गांव के बच्चे स्कूल जाने से पहले सोचते हैं कि जाए या नहीं। ग्रामीण विजय शंकर, देवराज ने बताया कि बीते वर्ष आईजीआरएस पोर्टल पर हुई शिकायत का निस्तारण अधिकारियों ने बिना कुछ किए दिखा दिया। बीते सप्ताह हुई शिकायत पर शुक्रवार को लेखपाल चकरोड का सीमांकन करने पहुंचे तो अतिक्रमण करने वालों ने अधूरा सीमांकन कराकर वापस करा दिया गया। चेतावनी दी गई है कि एक सप्ताह में 16 फीट चौड़े और दो किमी लंबे चकरोड को अतिक्रमणमुक्त नहीं कराई गई तो ग्रामीण आगे की रणनीति के लिए विवश होंगे। इस मौके पर रामराज, सुनीता सिंह, ननकऊ, प्रमोद कुमार, उमाशंकर, आशीष कुमार, विकास कुमार, सुनील कुमार, भरतलाल, राजकुमार, अर्जुन आदि रहे। लेखपाल प्रशांत गौड़ ने कहा चकरोड के सीमांकन में व्यवधान बने अतिक्रमण की रिपोर्ट सदर तहसील प्रशासन को भेज दी गई है।
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