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रामपुर तिराहा कांड की पीड़िताओं को नहीं ढूंढ पा रही सीबीआई
मुजफ्फरनगर। रामपुर तिराहा कांड की पीडि़ताओं तक पहुंचने के लिए सीबीआई ने अदालत से समय मांगा है। वहीं अदालत द्वारा जारी किए गए समन अभी तामील नहीं कराए गए हैं। प्रकरण में सुनवाई 24 जुलाई को होगी।
रामपुर तिराहा कांड की पीडि़ताओं को समन तामील नहीं कराए जा सके हैं। सीबीआई ने पीडि़ताओं का पता तलाशने के लिए अदालत से समय मांगा। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-सात में अब प्रकरण की सुनवाई 24 जुलाई को होगी।
शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव शर्मा, सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परवेंद्र सिंह और जोगेंद्र गोयल ने बताया कि अदालत से जारी समन सीबीआई पीडि़ताओं को तामील नहीं करा सकी है। सीबीआई का कहना है कि वर्ष 1994 के मुकाबले चमौली की भौगोलिक स्थिति बदल चुकी है। ऐसे में पीडि़ताओं का वर्तमान निवास स्थान का पता लगाए जाने के लिए समय दिए जाने की आवश्यकता है।
अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह ने सीबीआई को 24 जुलाई तक का समय दिया है। एक अक्तूबर, 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया। आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी।
सीबीआई ने मामले की जांच की और पुलिस पार्टी और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे। गंभीर धाराओं के मुकदमों की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने जिले के अदालत में ट्रांसफर कर दिया था।