उत्तर प्रदेश

पूर्व MLC हाजी इकबाल और उसके भाई पर मामला दर्ज, जमीन कब्जाने और धमकाने का आरोप

Shantanu Roy
27 Aug 2022 12:03 PM GMT
पूर्व MLC हाजी इकबाल और उसके भाई पर मामला दर्ज, जमीन कब्जाने और धमकाने का आरोप
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सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में मिर्जापुर थाने की पुलिस ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) रहे हाजी इकबाल और उनके भाई पूर्व एमएलसी महमूद अली के खिलाफ एक महिला की जमीन कब्जा करने और धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। इसी प्राथमिकी में इकबाल के तीन बेटों और वकील पर जमीन लौटाने के एवज में महिला से सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने वकील जीशान को गिरफ्तार कर लिया है जबकि इकबाल के तीन बेटे जावेद, अलीशान, अफजल और भाई पहले से ही जेल में हैं। सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) विपिन टाडा ने बताया कि महिला ने यह मामला मिर्जापुर थाने में दर्ज कराया है। टाडा ने महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के हवाले से बताया कि उसने वर्ष 2011 में एक जमीन मिर्जापुर पोल में खरीदी थी लेकिन वर्ष 2012 में हाजी इकबाल, उसके भाई महमूद अली ओर पुत्रों ने उस जमीन पर कब्जा कर लिया।
उन्होंने बताया कि आरोप के मुताबिक वर्ष 2016 में हाजी इकबाल के पुत्र जावेद, अलीशान ओर उसके वकील जीशान ने महिला को जमीन वापस देने के नाम पर एक विश्वविद्यालय के पास स्थित एक नलकूप पर बुलाया ओर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। उन्होंने बताया कि इसके बाद धमकी देकर उसे फिर किसी और स्थान पर बुलाकर हाजी इकबाल के एक अन्य पुत्र अफजाल व अधिवक्ता जीशान ने फिर से उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। एसएसपी ने बताया कि पीड़िता की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर बृहस्पतिवार देर रात मामला दर्ज कर लिया गया ओर शुक्रवार को पुलिस ने इस मामले में आरोपी अधिवक्ता जीशान को उसके आवास से गिरफ्तार कर लिया। अधिवक्‍ता को अदालत में पेश किया गया जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उन्‍होंने बताया कि हाजी इकबाल अभी फरार है जबकि उसका भाई महमूद अली और तीनों पुत्र जावेद, अलीशान और अफजल पहले से ही जेल में बंद हैं। उन्होंने कहा कि हाजी इकबाल की तलाश की जा रही है। उन्होंने कहा कि हाजी इकबाल के खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं। टाडा ने बताया कि इन आरोपियों की धमकी के कारण उक्त पीड़िता का परिवार मिर्जापुर से पलायन कर यमुनानगर के एक गांव में जाकर रहने लगा था।
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