उत्तर प्रदेश

शत्रु सम्पत्ति लोन मामले में बाबा बिरयानी समेत 12 के खिलाफ केस दर्ज

Shantanu Roy
21 Nov 2022 6:31 PM GMT
शत्रु सम्पत्ति लोन मामले में बाबा बिरयानी समेत 12 के खिलाफ केस दर्ज
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कानपुर। शत्रु संपत्ति को बंधक बनाकर एक करोड़ से अधिक का लोन लेने के मामले में बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा और बैंक के अधिकारियों समेत कुल 12 लोगों के खिलाफ बेकनगंज थाने में रविवार रात मुकदमा दर्ज किया गया। मुकदमा लेखपाल की तहरीर पर धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया है। बेकनगंज थाना प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर रविवार रात लेखपाल लेखपाल विपिन कुमार की तहरीर पर शत्रु संपत्ति मामले को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया है। थाने में दी गई तहरीर में लेखपाल ने आरोप लगाया है कि शत्रु संपत्ति को बंधक बनाकर 1.66 करोड़ रुपये का लोन लेने के मामले में बाबा बिरयानी के मालिक बाबा मुख्तार और उसके परिवार के दस सदस्यों ने बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारियों की मिलीभगत से कूटरचित दस्तावेज लगाकर धोखाधड़ी करते हुए लोन लिया। इस मामले में कुल बारह लोगों को आरोपित बनाया गया है। थाने में दी गई तहरीर के मुताबिक तलाक महल स्थित मेसर्स शाहिद सिल्क हाऊस के नाला रोड निवासी शाहिद आलम ने बैंक ऑफ बड़ौदा की किदवई नगर शाखा से 27 दिसम्बर 2006 को 75 लाख की सीमा का ओवरड्राफ्ट खाता स्वीकृत किया था। जिसमें पांच सितंबर वर्ष 2009 को बैंक की ओर से 1.75 करोड़ रुपये की ओवरड्राफ्ट सीमा स्वीकृत कर दी गयी। इतना ही नहीं 23 सितंबर 2029 को 9.12 लाख रुपये मियादी ऋण भी बैंक द्वारा शाहिद सिल्क हाऊस को दे दिया गया। इस ओवरड्राफ्ट ऋण की स्वीकृति के लिए प्रोपराइटर शाहिद आलम ने 8 संपत्तियां बैंक में बंधक बनाई थीं।
जांच के दौरान खुल गया बैंक का खेल
शत्रु संपत्तियों को लेकर जब जांच शुरू हुई तो सामने आया कि जो संपत्तियां बैंक में बंधक रखी गईं, उसमें 91/146 हीरामन का पुरवा शत्रु संपत्ति घोषित है, जो कि सरकार की संपत्ति मानी जाती है। जिसे विक्रय या बंधक नहीं रखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त दो अन्य संपत्तियां 99/14ए, बेकनगंज एवं 88/21 नाला रोड, चमनगंज को भी शत्रु संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया वर्तमान समय में चल रही है। आरोप है कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने जब इस संबंध में पूछा गया तो उनके द्वारा अपने पैनल अधिवक्ता के माध्यम से इन संपत्तियों के संबंध में क्लीयरेंस रिपोर्ट प्राप्त कर ऋण जारी करने का दावा किया गया।
राजस्व विभाग से नहीं ली गई आख्या रिपोर्ट
लेखपाल ने आरोप लगाया है कि बैंक ने राजस्व विभाग से बंधक संपत्तियों के संबंध में आख्या नहीं ली गई, जबकि राजस्व विभाग एवं नगर निगम से इनके स्वामित्व के संबंध में आख्या ली गयी होती तो सही स्थिति की जानकारी होने के बाद ऐसी स्थिति न उत्पन्न होती। लेकिन बैंक प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया। आरोप यह भी है कि शाहिद आलम ने संपत्ति संख्या 91/146 हीरामन का पुरवा का स्वामित्व अपना दर्शाने के लिए कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग किया है। तहरीर में यह भी आरोप लगाया गया है कि शत्रु संपत्ति पर ऋण सुविधा प्रदान करने की जानकारी जब प्रभारी अधिकारी शत्रु संपत्ति को हुई तो उन्होंने एक पत्र 20 दिसंबर 2021 को बैंक ऑफ बड़ौदा को लिखा। आरोप है कि जांच या कार्रवाई के स्थान पर बैंक ने 25 अप्रैल 2022 को ऋण खाता ही बंद कर दिया।
ऋणी को बंधक संपत्ति के कागजात वापस कर दिए। आरोप है कि इससे स्पष्ट है कि बैंक ऑफ बड़ौदा इस अपराध में पूरी तरह से शामिल है। इस प्रकरण में शत्रु संपत्ति संरक्षण संघर्ष समिति के मुख्य संगठक शफी उल्लाह गाजी ने शिकायत की गई और उनकी जानकारियों के आधार पर इस खेल में मुख्तार बाबा समेत उसमें दस अन्य परिजनों के नाम सामने आए हैं। उल्लेखनीय है कि दस्तावेजों में संपत्ति संख्या 91/146 हीरामन का पुरवा पाक नागरिक शाहिद हलीम की पायी गयी थी, जिसे 18 मई 2001 को तत्कालीन जिलाधिकारी ने शत्रु सम्पत्ति घोषित किया था। इस संपत्ति को मुख्तार बाबा की पत्नी गुलशन जहां ने फर्जी हिबा के नाम पर अपने नाम करवाया था, जिसे बाद में उसने अपनी दोनों पुत्रियों नाज आयशा और अंजुम आरा के नाम कर दिया।
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