उत्तर प्रदेश

बरेली में कुत्तों का खून बेचने वाले मामला , पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की

Tara Tandi
24 May 2024 11:04 AM GMT
बरेली में कुत्तों का खून बेचने वाले मामला , पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू  की
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बरेली : बरेली में मेनका गांधी की कॉल आने के बाद कोतवाली पुलिस ने कुत्तों का खून बेचने के आरोप में एक युवक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना शुरू की है। आरोपी से आरोप-प्रत्यारोप के बीच जानकारी मिली है कि एक बड़े संस्थान से जुड़े लोग व कुछ पशु चिकित्सक भी इस रैकेट में शामिल हैं। आरोपी व रिपोर्ट कराने वाले पीएफए कर्मचारियों में कोतवाली में हुई बहस से भी पुलिस को काफी इनपुट मिला है। इसके अलावा वादी पक्ष ने कई कॉल रिकार्डिंग व साक्ष्य जुटाए हैं जो खुलासे में मददगार साबित हो सकते हैं।
वादी पक्ष से जुड़ीं मर्सी फॉर ऑल सोसाइटी की संचालक शालिनी अरोरा का आरोप है कि आरोपी करीब पांच साल से इस तरह का अनैतिक काम कर रहा है। उसके तार पशु चिकित्सा से जुड़े एक संस्थान के जिम्मेदारों से जुड़े हैं। वहीं के एक मेडिकल स्टोर से उसकी सेटिंग की बात सामने आई है। कुत्ता पालने वाले रईसों को वह प्रति यूनिट पांच से छह हजार रुपये में उपलब्ध कराता था।
इंस्पेक्टर कोतवाली डीके शर्मा ने बताया कि पहले दोनों पक्षों से प्रमाण मांगे गए हैं। जरूरत पर डॉक्टरों से जानकारी ली जाएगी कि क्या वास्तव में इस तरह का अवैध कारोबार होता है। प्रमाण मिले तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
पीपल फॉर एनिमल्स (पीएफए) के धीरज पाठक, विक्रांत यादव, विकेंद्र शर्मा और मर्सी फॉर ऑल सोसायटी की शालिनी अग्रवाल ने बताया कि कई दिनों से ऐसे गिरोह के बारे में सूचना मिल रही थी, जो सड़क पर घूमने वाले कुत्तों का खून निकाल रहा है और मोटे दाम पर उसे बेच रहा है। कोतवाली के आलमगीरीगंज घी मंडी निवासी वैभव शर्मा और उसके साथी यह काम कर रहे हैं। इसके बाद कोतवाली पहुंचकर शिकायत की। इससे पहले सांसद मेनका गांधी ने पुलिस अधिकारियों को कॉल करके शिकायत की थी। कोतवाली में दोनों पक्षों के साथ ही नगर निगम की कुत्ता पकड़ने वाली टीम बुलाई गई। यहां तीखी बहस के बाद भी नतीजा नहीं निकला तो आरोपी वैभव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
पांच से दस हजार रुपये में बेचता है खून
पीएफए सदस्यों ने आरोप लगाया कि वैभव शर्मा नगर निगम में कुत्तों की नसबंदी करने वाली एक संस्था के साथ काम कर चुका है, इसलिए वैभव आसानी से सड़क पर घूमने वाले कुत्तों को पकड़ लेता है। रसूखदारों को जब उनके कुत्ते के लिए जरूरत पड़ती है तो वह वैभव से संपर्क करते हैं। इसके काम के लिए वैभव पांच से दस हजार रुपये लेता है। वैभव का कहना था कि आरोप बिल्कुल निराधार हैं। वह लोगों की शिकायत पर कुत्ता पकड़ने और उनकी देखभाल का काम जरूर करते हैं। कोतवाल डीके शर्मा ने बताया कि आरोपों की जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
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