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मेरठ। यूपी के मेरठ में शादी के नाम पर झांसा देकर लोगों को ठगने का मामला सामने आया है. फर्जी मैरिज ब्यूरो बनाकर इसके माध्यम से युवाओं को फंसाने के बाद उनसे पैसे और सोना ऐठते थे. पुलिस ने उस मैरिज ब्यूरो के गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है. इस मामले में तीन युवतियों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य सरगना समेत दो आरोपियों की तलाश चल रही है, जो कि ब्यूरो संचालक के तौर पर काम कर रहे थे. गाजियाबाद निवासी एक युवक की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई है. फर्जी मैरिज ब्यूरो का ये जाल वेस्ट यूपी से लेकर उत्तराखंड तक फैला हुआ है. जिसकी आड़ में रकम और जेवर ऐंठा जा रहा था. गिरोह का प्रमुख पत्नी और बच्चों के संग ही ठगी कर रहा था. ये चार महीने में 100 से ज्यादा युवाओं को ठगी का शिकार बना चुके हैं. लड़के-लड़कियों का ये पूरा गैंग पहले एक कस्टमर को पकड़ते थे और फिर शादी करवाने का झांसा देता था.
मेडिकल थाना पुलिस ने तेजगढ़ी इलाके शादी संगीत नाम के एक मैरिज ब्यूरो में छापेमारी की. इस दौरान 3 लड़के और 3 लड़कियों को काम करते हुए पाया था. सीओ सिविल लाइन अरविंद चौरसिया ने बताया कि पकड़ी गई तीनों युवतियां फरार हुए दोनों आरोपियों के परिवार से ही हैं. उन्होंने आगे बताया कि गिरोह ऑनलाइन मैट्रिमोनियल का एड देकर ग्राहकों को फंसाते थे. मेन टारगेट पर कुंवारे लड़के और फिर पैसे वाले लोगों को और बिजनेसमैन लोगों को भी ये लोग चंगुल में फंसाते थे. ऐसे लोग भी इनके निशाने पर होते थे जो तलाकशुदा होते थे या फिर से शादी करना चाहते थे. फोटो दिखाने पर यदि पसंद आई तो गिरोह कस्टमर को अपने मेरठ स्थिति ऑफिस में बुलाते थे फिर यही लड़की से मीटिंग करवाते थे. जिसमें लड़के का पूरा परिवार भी होता था. बात फाइनल होने पर रोके की रस्म के नाम पर लड़की के लिए पैसा और जेवर मांगते थे और रोका के 5 दिन बाद शादी करवाने का वादा करते थे. लेकिन पैसा और जेवर मिलते ही फरार हो जाते थे.
अमरोहा, मुरादाबाद से लेकर शामली, गाजियाबाद और नोएडा व देहरादून जैसे शहर के लोगों को गिरोह अपने जाल में फंसाता था. जांच के दौरान मैरिज ब्यूरो के दफ्तर से पुलिस को एक कस्टमर की डायरी हाथ लगी है. जानकारी के मुताबिक उस डायरी में काफी लोगों के नाम और नंबर है, जिन्हें इस गिरोह ने अपना शिकार बनाया हैं. ऐसे में अब पुलिस उन नंबरों पर संपर्क कर रही है, जिससे यह पता चल सके कि कुल मिलाकर कितने लोगों से ठगी हुई है और कितनी रकम ठगी गई है. पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि गिरोह के सदस्य उन वेबसाइट पर निगाह रखते थे, जिन पर शादी के लिए युवक-युवती अपनी प्रोफाइल अपलोड कर रजिस्ट्रेशन कराते थे. गाजियाबाद के पीड़ित रामानंद पाठक का रिकॉर्ड भी उन्होंने एक वेबसाइट से ही उठाया था. इसके बाद उसे कॉल कर मेरठ बुलाया और अपना शिकार बना लिया था.
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