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चार्जशीट लगाने के बदले रिश्वत मांगने वाले दरोगा पर मुकदमा
गाजियाबाद: मसूरी, शालीमार गार्डन और खोड़ा के बाद अब कविनगर थाने में खाकी को शर्मसार करने का मामला सामने आया है. थाने के दरोगा ने गंभीर चोट पहुंचाने के मुकदमे में चार्जशीट लगाने की एवज में वादी से एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी . रिश्वत न देने पर दरोगा ने आरोपी के पक्ष में विवेचना की धमकी दी तो वादी ने ऑडियो क्लिप के साथ अधिकारियों से शिकायत दी. दरोगा के खिलाफ कविनगर थाने में भ्रष्टाचार का केस दर्ज कर निलंबित कर दिया गया.
कैला भट्ठा के धोबी वाली गली में रहने वाले खालिद का कहना है कि नोएडा की एक कंपनी में नौकरी करते हैं. वर्ष 2017 में कुछ लोगों ने हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था. इस संबंध में उन्होंने नगर कोतवाली में आठ-दस लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. खालिद का कहना है कि उनके मामले की जांच क्राइम ब्रांच ने की थी. इसमें कुछ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट लगा दी थी, लेकिन आरोपी पक्ष ने पुलिस से साठगांठ करते हुए चार्जशीट को हटवाकर केस में अंतिम रिपोर्ट लगवा दी. पता लगने पर उन्होंने कोर्ट में अर्जी लगाई, जिसके बाद कोर्ट ने 22 जून 2022 को पुलिस को अग्रिम विवेचना के आदेश दिए थे. खालिद का कहना है कि उन्होंने डीसीपी सिटी से केस की जांच किसी अन्य थाने से कराने की गुहार लगाई तो उनके केस की विवेचना नगर कोतवाली से कविनगर थाने ट्रांसफर कर दी गई. उनके केस की विवेचना दरोगा महेंद्र शर्मा को दी गई.
खालिद का कहना है कि दरोगा महेंद्र शर्मा ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट लगाने के बदले में एक लाख रुपये मांगे. इस पर उन्होंने जैसे-तैसे करके दरोगा को 30 हजार रुपये दे दिए. आरोप है कि दरोगा ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया, लेकिन एक सप्ताह बाद ही 80 हजार रुपये की मांग और करने लगा.