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वाराणसी न्यूज़: उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधुरी ने कहा है कि स्टेशनों का विकास आगामी 40 से 50 साल की जरूरतों का ध्यान रखकर किया जा रहा है. इसके लिए पहले स्टडी की गई है. कैंट स्टेशन पर यार्ड रीमॉडलिंग के मद्देनजर होने वाले बिफोर नॉन इंटरलॉकिंग (बीएनआई) काम का प्रस्ताव रेल संरक्षा आयुक्त के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है. कैंट स्टेशन के नवीनीकरण डिजाइन को जल्द मंजूरी मिलेगी. वह दोपहर कैंट स्टेशन निदेशक कक्ष में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि स्टेशनों पर स्थानीय धरोहरों व विरासतों को दर्शाया जा रहा है. रेलवे का मकसद ट्रेनों का सुगम परिचालन, बेहतर यात्री सुविधाएं, मालगाड़ियों और गैर किराया श्रोतों से राजस्व बढ़ाना है. इससे पहले देर रात पहुंचे जीएम ने सुबह काशी-विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया. लखनऊ मंडल के डीआरएम सुरेश कुमार सपरा, एडीआरएम लालजी चौधरी, स्टेशन डायरेक्टर गौरव दीक्षित ने जीएम का स्वागत किया.
काशी से कैंट तक कार्यों को देखा
उरे के जीएम ने सुबह काशी स्टेशन पर प्रस्तावित मेजर अपग्रेडेशन की जानकारी ली. इंटरमॉडल स्टेशन की प्रगति जानी. नमो घाट पर प्रस्तावित रेल कम रोड ब्रिज स्थल का भी निरीक्षण किया. इसके बाद कैंट स्टेशन पहुंचे. यहां न्यू पॉवर केबिन, यात्री आश्रय, निर्माणाधीन तीसरे फुट ओवरब्रिज व टीटीई रेस्ट हाउस, नए पॉवर केबिन, यार्ड रीमॉडलिंग कार्य और स्टेशन के री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को देखा. महाप्रबंधक ने स्टेशन पर यात्री सुविधाओं की हकीकत परखी. उन्होंने सुविधाओं को और उन्नत बनाने पर जोर दिया.