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कैंट बोर्ड खुद करेगा कूड़ा कलेक्शन, डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए खरीदी 30 गाड़ियां
मेरठ न्यूज़: कैंट बोर्ड ने डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का काम रविवार से आरंभ कर दिया गया। सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने उद्घाटन किया, जिसके बाद ही तमाम गाड़ियों को रवाना किया। अब कैंट बोर्ड खुद कूड़ा कलेक्शन करेगा। इससे पहले कूड़ा कलेक्शन डोर-टू-डोर प्राइवेट कंपनी को टेंडर दिया गया था, वहीं कंपनी डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन कर रही थी। सफाई कर्मियों को भी इसमें अलग से जिम्मेदारी दी गई हैं। कहा गया है कि कूड़ा कलेक्शन डोर-टू-डोर जाने से जनता को भी राहत मिलेगी। प्रावइेट कंपनी कूड़ा कलेक्शन करने में आना-कानी भी कर रही थी, जिसके चलते ही कैंट बोर्ड ने खुद ही कूड़ा कलेक्शन घर-घर पहुंचकर करने का निर्णय लिया था। इसके लिए कूड़ा उठाने वाली तीस गाड़ियों को खरीदा गया। रविवार को तमाम कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों को गुब्बारे लगाकर सजाया गया था। सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने नारियल फोड़कर कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों को कैंट क्षेत्र के लिए रवाना किया। इस दौरान सीईओ ज्योतिकुमार, बोर्ड सदस्य डा. सतीश कुमार व कैंट बोर्ड आफिस का स्टाफ भी मौजूद रहा। इसके अलावा चिल्ड्रन डे के उपलक्ष्य में रविवार की सुबह 9 बजे चिराग जूनियर स्कूल की ओर से माल रोड के निकट राहगीर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उस कार्यक्रम में मुख्य अधिशासी अधिकारी, छावनी परिषद मेरठ को मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित किया गया था, जिसमें सीईओ ने बच्चों के लिए कई महत्वपूर्ण संदेश दिये।
ज्वेलरी पार्क को लेकर योगी ने डीएम से कार्रवाई को कहा: उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के मेरठ दौरे पर मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे सर्किट हाउस में मिला था। जिसमें नई सड़क, शास्त्री नगर स्थित भूमि के संदर्भ में पर ज्वेलरी पार्क और फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स बनाने के संदर्भ में मांग की गई थी। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी को पत्र भेजा है और इस मांग पर उचित कार्रवाई करने के लिए लिखा गया है। मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री विजय आनंद अग्रवाल ने बताया कि हमारे ज्वेलरी निर्माण व्यवसाय का वार्षिक टर्नओवर लगभग 1000 करोड़ रुपये से भी अधिक का है। जबकि अभी मेरठ में यह व्यापार अधिकांशत: असंगठित सेक्टर में है। सरकार द्वारा सहयोग मिलने से यह व्यवसाय संगठित में परिवर्तित हो जायेगा, जिससे निश्चित रूप से ही यह ज्वेलर्स तथा सरकार दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में कहा गया था कि आभूषण निर्माण की सभी प्रक्रियाएं एक ही परिसर के अंदर पूर्ण होंगी। सुरक्षा के विशेष प्रबंध होने से निर्माता और क्रेता में का मेरठ मंडी के प्रति विश्वास और बढ़ेगा। ज्वेलरी निर्माण संबंधी शिक्षण एवं प्रशिक्षण की पूर्ण व्यवस्था होगी। ज्वेलरी, हीरे व जेम स्टोन टेस्टिंग की विश्व स्तरीय टेस्टिंग लैब की स्थापना होगी। ज्वेलरी एग्जीबिशन के लिए बड़े हॉल की स्थापना होगी।
इसके अंदर कार्य करने वाले निर्माताओं को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल पाएगा। स्वर्ण आभूषण निर्माताओं को फाइनेंस के अवसर बढ़ेंगे। स्टार्टअप के रूप में व्यवसाय प्रारंभ करने वाले उद्यमशील युवाओं के लिए रोजगार सृजन के अवसर उपलब्ध होंगे। असंगठित क्षेत्र में स्थित स्वर्णाभूषण निर्माण इकाइयों की वर्तमान स्थिति तथा ज्वेलरी पार्क/फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स बनने के बाद भविष्य में स्वर्णाभूषण निर्माण इकाइयों के भविष्य सुरक्षित रहेगा। महानगर में ज्वेलरी व्यवसाय के लिए उपरोक्त वर्णित प्लॉट खसरा नंबर 6041 स्थित नई सड़क, शास्त्री नगर के अतिरिक्त कोई दूसरी इतनी सुरक्षित जगह नहीं है। अगर इस जगह के संदर्भ में अभी कोई गंभीर एवं ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो भविष्य में मेरठ में संगठित विश्व स्तरीय सराफा व्यापार की कल्पना करना अत्यंत कठिन होगा।