उत्तर प्रदेश

बिना कारण रद्द नहीं कर सकते अनुकंपा नियुक्ति का दावा : इलाहाबाद हाईकोर्ट

Renuka Sahu
3 Jun 2022 3:06 AM GMT
Cannot cancel the compassionate appointment claim without reason: Allahabad High Court
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फाइल फोटो 

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा अनुकंपा नियुक्ति का दावा बिना कोई कारण बताए खारिज करने का आदेश रद्द कर दिया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा अनुकंपा नियुक्ति का दावा बिना कोई कारण बताए खारिज करने का आदेश रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी निर्णय को लेने के पीछे उसका कारण उस निर्णय का सार होता है। बिना कारण बताए कोई भी आदेश जारी नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने विश्वविद्यालय को छूट दी है कि छह सप्ताह में याची को कारण दर्शाते हुए आदेश जारी कर सूचित करें।

यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी ने नेहा मिश्रा की याचिका पर अधिवक्ता विभु राय व धनन्जय राय को सुनकर दिया है। अधिवक्ता विभु राय का कहना था कि याची के पति इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कर्मचारी थे। सेवाकाल में उनकी मृत्यु हो गई। याची ने पति की मृत्यु के पांच साल बाद अनुकंपा नियुक्ति के लिए दावा किया, जिसे इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कार्यसमिति ने 17 अगस्त 2021 को हुई बैठक में खारिज कर दिया। एडवोकेट विभु राय का कहना था कि दावा खारिज करने के पीछे का कोई कारण नहीं बताया गया। याची को सूचना दी गई कि उसका दावा खारिज किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार का आदेश उचित नहीं कहा जा सकता, जिसे जारी करने का पीछे का कारण न बताया जाए।
नौकरी के शासनादेश पर जवाब मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना काल में कोविड 19 के मृतकों के वारिसों की नौकरी के शासनादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार व अन्य पक्षकारों से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला एवं न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने की याचिका पर अधिवक्ता सुनील चौधरी को सुनकर दिया है। एडवोकेट सुनील चौधरी ने कोर्ट को बताया कि पिछड़ी जाति की याची के पति की कोविड 19 से मृत्यु हो गई थी।


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