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गाजियाबाद: भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कमिश्नरेट के सभी थाने अब सीसीटीवी कैमरों से लैस हो जाएंगे. इसके लिए शासन ने साढ़े 36 लाख रुपये का बजट जारी कर दिया है. एक महीने के अंदर कैमरे लगाने की तैयारी की जा रही है. इसका कंट्रोल कंद्रीकृत प्रणाली के तहत एक ही स्थान पर होगा. ऐसे में कैमरे खराब होने या रिकॉर्डिंग चालू न होने जैसे बहाने पुलिस नहीं बना सकेगी.
पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र ने बताया कि थाना पुलिस के ऊपर अकसर जनसुनवाई में लापरवाही बरतने, थर्ड डिग्री या अवैध हिरासत में रखने का आरोप लगता है. ऐसी स्थिति को दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने थानों को सीसीटीवी कैमरों से लैस करने के लिए निर्देश दिए थे. इसी क्रम में मुख्यमंत्री स्तर से प्रदेश के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए थे.
आदेश के बाद गाजियाबाद कमिश्नरेट के सभी थानों को सीसीटीवी कैमरों से लैस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. शासन ने गाजियाबाद के थाना में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए साढ़े 36 करोड़ का बजट जारी कर दिया है. यह कैमरे एएचटीयू तथा महिला थाना समेत कमिश्नरेट के सभी 26 थानों में लगाए जाएंगे. पुलिस आयुक्त ने बताया कि एक महीने के भीतर सभी थानों को कैमरों से लैस कर दिया जाएगा. सीसीटीवी कैमरे हाई रेजोल्यूशन और नाइट विजन के होंगे. यह आईपी बेस्ड होंगे. अधिकारी उनका लिंक लेकर मोबाइल पर भी थानों की गतिविधि देख सकेंगे. इससे गड़बड़ी करने वाले तुरंत पकड़ में आ जाएंगे.
सर्किल मुख्यालय के थानों में छह, बाकी में पांच कैमरे लगेंगे
पुलिस आयुक्त ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए थानों को दो कैटेगरी में बांटा गया है. सर्किल मुख्यालय के थानों में छह-छह कैमरे लगेंगे, जबकि अन्य थानों में पांच-पांच सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. इस तरह 11 थानों में छह-छह कैमरे लगेंगे और 15 थानों में पांच-पांच कैमरे लगेंगे. कैमरे थाने के प्रवेश द्वारा, मुंशी कार्यालय, हवालात तथा अन्य जरूरी स्थानों पर लगेंगे, ताकि थाने की हर गतिविधि उनमें कैद मिल सके.
सीसीटीवी कैमरे हाई रेजोल्यूशन और नाइट विजन के होंगे. यह आईपी बेस्ड होंगे. अधिकारी लिंक लेकर मोबाइल पर भी थानों की गतिविधि देख सकेंगे
- अजय कुमार मिश्र, पुलिस आयुक्त