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झाँसी: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूपी) और बिजली निगम के बीच केबल वार छिड़ गई है. बिजली निगम विश्वविद्यालय परिसर के बीच से लाइन निकालना चाहता है. इसके लिए बिजली निगम की तरफ से कुलपति को दो बार पत्र लिखा जा चुका है. लेकिन एमएमएमयूपी प्रशासन इस पर राजी नहीं है. कुलपति सवाल करते हैं कि आखिर चहारदीवारी से सटाकर केबल लाइन लगाने में क्या दिक्कत है? फिलहाल अब मामला प्रशासन के पाले में पहुंच गया है.
बताया जा रहा है कि चौरीचौरी फीडर के अंतर्गत एमएमएमयूटी इलाके में 11 हजार वोल्ट का केबल बिछाने का काम एक कंपनी को मिला है. निगम के अधिकारी एमएमएमयूटी परिसर के बीच से पोल लगाकर केबल लगाना चाहते है. इस पर एमएमएमयूटी प्रशासन राजी नहीं है. विवि का कहना है कि केबल अगर निगम ले जाना चाह रहा है तो वह कैंपस के बाउंड्रीवाल से सटाकर ले जाए. क्योंकि अगर कैंपस के बीचो-बीच ले जाते हैं तो भविष्य में कैंपस में होने वाले भवन निर्माण में काफी दिक्कतें होंगी. साथ ही फाल्ट होने पर बड़ा खतरा भी हो सकता है. इस पर निगम ने आपत्ति जता दी कि अगर बाउंड्रीवाल से केबल ले जाते हैं तो 800 मीटर की जगह ढाई से तीन किलोमीटर केबल दौड़ाना पड़ेगा.
बिजली निगम को बता दिया गया है कि वह बाउंड्रीवाल से सटाकर अपना केबल लगाएं. लेकिन वह इस पर राजी नहीं है. निगम चाहता है कि कैंपस के बीचों-बीच से केबल लगाएं. पूरा खेल केबल बचाने का है. जबकि, बीचों-बीच केबल लगाने से कैंपस में किसी भी तरह के निर्माण में दिक्कत होगी. साथ ही खतरा भी हमेशा बरकरार रहेगा.
-प्रो. जेपी सैनी, कुलपति, एमएमएमयूटी
एमएमएमयूटी में केबल लगाने का काम चल रहा था, जिसे विवि प्रशासन ने रोक दिया है. इसे लेकर दो बार एमएमएमयूटी कुलपति को पत्र भी लिखा गया है. साथ ही वार्ता की गई है, लेकिन वह केबल लगाने से मना कर चुके हैं. इस मामले को अब प्रशासन के समक्ष रखा जाएगा.
- आशु कालिया, चीफ इंजीनियर