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- घोसी सीट पर जल्द होगा...

सपा के निवर्तमान विधायक दारा सिंह चौहान के इस्तीफे से खाली हुई मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर जल्द उप चुनाव कराया जाएगा। विधानसभा सचिवालय की ओर से मंगलवार को घोसी सीट रिक्त होने की भारत सूचना निर्वाचन आयोग को भेजी जाएगी
दारा सिंह चौहान ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपा। महाना ने इस्तीफा स्वीकार करते हुए विधानसभा सचिवालय को सीट रिक्त घोषित करने की कार्यवाही के निर्देश दिए। महाना ने बताया कि मंगलवार को सीट रिक्त घोषित कर निर्वाचन आयोग को इसकी सूचना भेजी जाएगी।
उधर, मुख्य निर्वाचन अधिकारी दफ्तर के अधिकारी ने बताया कि विधानसभा की ओर से घोसी सीट रिक्त होने की सूचना मिलने के बाद आयोग जल्द उपचुनाव कराने का कार्यक्रम जारी कर सकता है। आगामी दो महीने में चुनाव कराए जा सकते हैं। उधर, घोसी उप चुनाव में भाजपा दारा सिंह चौहान को ही प्रत्याशी बनाएगी।
गाजीपुर सीट पर उप चुनाव को लेकर संशय
बसपा सांसद अफजाल अंसारी को तीन वर्ष की सजा के बाद उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द होने से खाली हुई गाजीपुर लोकसभा सीट पर उप चुनाव को लेकर संशय बना हुआ है। अफजाल की सदस्यता एक मई को समाप्त हो गई थी। नियमानुसार छह महीने से अधिक समय तक लोकसभा सीट को खाली नहीं रखा जा सकता है।
छह महीने की अवधि में उपचुनाव कराना होता है। लेकिन भारत निर्वाचन आयोग ने अभी तक उप चुनाव की घोषणा नहीं की है। जानकारों का मानना है कि संभवतः आयोग इस सीट पर उपचुनाव न कराए। मार्च से मई 2024 में प्रस्तावित लोकसभा के आम चुनाव के समय ही चुनाव कराए जाएं।
वहीं एक पक्ष का मानना है कि भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले गाजीपुर उपचुनाव जीतकर माफिया के गढ़ के भगवा फहराने का संदेश देने की योजना बना सकती है। चुनाव हो भी सकते हैं। लेकिन, यदि उप चुनाव नहीं हुआ तो गाजीपुर सीट करीब 11 महीने तक खाली रहेगी।
पहले भी नहीं कराए गए हैं उप चुनाव
2021 में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लखनऊ पश्चिम से भाजपा विधायक सुरेश श्रीवास्तव, औरेया के रमेश चंद्र दिवाकर, बरेली के केसर सिंह, रायबरेली के दल बहादुर कोरी और मुजफ्फरनगर के विजय कश्यप का निधन हुआ था। लेकिन इन पांच सीटों पर भी करीब दस महीने तक उप चुनाव नहीं कराए गए थे।
इन सीटों पर विधानसभा चुनाव 2022 में ही हुए थे। विधान परिषद में स्थानीय निकाय क्षेत्र बदायूं की सीट पर 2016 में बनवारीलाल यादव एमएलसी निर्वाचित हुए थे। 2017 में उनके निधन के बाद से उस सीट पर पांच वर्ष तक चुनाव नहीं कराया गया।
