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उत्तर प्रदेश
रामपुर में उपचुनाव पर अभी लगी रोक, चुनाव आयोग ने अधिसूचना जारी करना रोका
Admin4
10 Nov 2022 1:02 PM GMT
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग को रामपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी करने को 11 नवंबर तक टालने का निर्देश दिया, क्योंकि समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां 2019 के हेट स्पीच केस में गुरुवार को अपीलीय अदालत के समक्ष अपील दायर कर इस मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने रामपुर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को खां के आवेदन पर सुनवाई को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया, क्योंकि गुरुवार को दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की गई थी और उसी दिन फैसला भी किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर भारत निर्वाचन आयोग ने रामपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की अधिसूचना पर रोक लगा दी है। उपचुनाव की अधिसूचना दस नवम्बर को जारी होनी थी। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय शुक्ला ने आज यहां बताया कि समाजवादी पार्टी के नेता मो0 आजम खान की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने रामपुर उप चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश के तहत अधिसूचना अगले आदेश तक जारी न किये जाने का निर्णय लिया गया है। रामपुर की अदालत गुरुवार को आज़म खान की सजा पर रोक पर सुनवाई करेगी जिसके बाद आज़म खान राहत न मिलने पर हाईकोर्ट भी जायेंगे जिससे रामपुर के चुनाव अभी टलने के आसार नज़र आ रहे है।
रामपुर में आज़म खान को सुप्रीमकोर्ट से सजा के खिलाफ अपील की मौहलत मिलने के बाद अब खतौली के उपचुनाव भी टलने के आसार बन सकते है। हालाँकि खतौली का मामला अभी अदालत के समक्ष नहीं है और आज खतौली की अधिसूचना जारी होनी है जिसके बाद चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
इससे पहले पीठ में शामिल न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला ने चुनाव आयोग से दोषसिद्धि पर रोक लगाने के आवेदन के परिणाम के आधार पर 11 नवंबर को या उसके बाद गजट अधिसूचना जारी करने को कहा था ।
सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने चुनाव आयोग का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार से पूछा, "क्या आप 72 घंटे के लिए गजट अधिसूचना जारी करना रोक सकते हैं, ताकि वह हाईकोर्ट जा सकें और सजा पर रोक लग सके?" उन्होंने कहा कि इस तत्परता पर भी गौर करें कि दोषसिद्धि के अगले ही दिन उनकी सीट रिक्त घोषित कर दी गई।
प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने चुनाव आयोग से कहा, "क्या आप सभी दोषियों के मामले में ऐसा करेंगे?" पीठ ने कहा कि दूसरे जिले के एक विधायक को भी 11 अक्टूबर को दोषी ठहराया गया था और दो साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन उनकी अयोग्यता पर अगले दिन कोई फैसला नहीं हुआ। आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर की खतौली सीट से बीजेपी के विधायक विक्रम सैनी को 11 अक्टूबर को दोषी करार दे दिया गया था लेकिन खतौली की रिक्ति की घोषणा 8 नवंबर को तब जारी की गयी जब रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने उनकी सदस्यता को लेकर सवाल उठा दिया था।
आजम खां का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने तर्क दिया कि 27 अक्टूबर को अभद्र भाषा के मामले में उनके मुवक्किल को दोषी ठहराए जाने के अगले दिन उत्तर प्रदेश विधानसभा ने रामपुर सीट को खाली घोषित कर दिया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह की त्वरित कार्रवाई 'अभूतपूर्व' और राजनीति से प्रेरित थी। चिदंबरम ने कहा कि हालांकि खतौली निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक को 11 अक्टूबर को पारित एक आदेश द्वारा दो साल के लिए दोषी ठहराया गया था, लेकिन उन पर ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
शीर्ष अदालत को सूचित किया गया कि चुनाव आयोग ने रामपुर सीट के लिए उपचुनाव के कार्यक्रम को अधिसूचित करते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की और आधिकारिक गजट अधिसूचना गुरुवार को प्रकाशित होने वाली है।
आयोग के वकील दातार ने दलील दी कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दोषसिद्धि पर अयोग्यता स्वत: साबित हो जाती है और अधिनियम के प्रावधान जो दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली अपील के लंबित रहने के दौरान अयोग्यता को फ्रीज करने की अनुमति देता है।
पीठ ने दातार से आजम खां को कुछ उचित समय देने के लिए कहा, अन्यथा यह एक चुनिंदा अभ्यास के रूप में दिखाई देगा, जो इस बात पर निर्भर करता है कि दोषी का राजनीतिक जुड़ाव क्या है।
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत 27 अक्टूबर को आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद आजम खां को अयोग्य घोषित कर दिया गया था और रामपुर विधानसभा क्षेत्र, जिसका वह प्रतिनिधित्व कर रहे थे, को खाली घोषित कर दिया गया था।
खां की याचिका का निपटारा करते हुए शीर्ष अदालत ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, रामपुर को गुरुवार को दोषसिद्धि पर रोक के लिए उनके आवेदन पर फैसला करने का निर्देश दिया और कहा कि चुनाव आयोग 11 नवंबर को या उसके बाद उपचुनाव के संबंध में अधिसूचना जारी कर सकता है।
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