- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- रोडवेज और जीएसटी...
रोडवेज और जीएसटी अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा धंधा
मेरठ: रोडवेज और जीएसटी अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार को रोज लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा। खुले आम सड़क पर रोडवेज की बसों और प्राइवेट बसों में कुंटलो सामान बिना जीएसटी चुकाए भर कर एक शहर से दूसरे शहर भेजा जा रहा है। इसके लिए मोटी रकम अधिकारियों को भेजी जाती है। इस गोरखधंधे से परेशान ट्रांसपोर्टर दर्जनों बार शिकायत कर चुके है लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है। दिन भर रोडवेज की बसों को भैंसाली बस अड्डा, प्लाजा सिनेमा, जली कोठी, मेट्रो प्लाजा, दिल्ली चुंगी, सोहराब गेट डिपो से आगे जैसे एक दर्जन से अधिक स्थानों पर रोडवेज की बसों को बोरों में बंद सामान बसों में भर के भेजा जा रहा हैं। रोडवेज की बसों से सामान भेजने के पीछे एकमात्र कारण टैक्स की चोरी करना है। एक लाख के सामान पर मानो पांच से अठारह हजार रुपए जीएसटी लगती हो तो माफिया इन समानों को अधिकारियों की जेब गर्म कर टैक्स चोरी करके अपना मॉल भेज देते है।
रोडवेज की बसों के अलावा प्राइवेट आॅपरेटर की बसे भी अंधाधुंध मॉल ढो रही है। इन बसों को जीआईसी के पास, अमरश्री पैलेस आदि जगहों से मॉल उठाया जा कर टैक्स चोरी की जा रही है। ट्रांसपोर्ट यूनियन के अध्यक्ष राकेश विज ने बताया कि अगर बसों में सामान ढोने की परंपरा बंद नही हुई तो ट्रांसपोर्टर बरबाद हो जाएंगे। विज का कहना है रोडवेज और जीएसटी के अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार को राजस्व का चूना लग रहा है। दर्जनों बार अधिकारियों को बताने के बावजूद ये काला धंधा बदस्तूर जारी है।
ट्रांसपोर्टर पंकज अनेजा का कहना है अगर नंबर दो में बसों और ट्रकों में गैर कानूनी तरीके से सामान लोड करके भेजा जाएगा तो ट्रांसपोर्टर क्या खाक खायेंगे। ट्रांसपोर्टर गौरव शर्मा ने अपने यूनियन के पदाधिकारियों के साथ मिलकर जीएसटी के अधिकारियों से मुलाकात कर बसों से हो रही राजस्व की चोरी का मुद्दा उठाया था। हैरानी की बात ये है कि इस गोरखधंधे में पुलिस भी अपनी हिस्सेदारी भी तय करवा देती है।