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वाराणसी: बीएचयू ने शोध प्रवेश के लिए सत्र 2023-24 का बुलेटिन जारी कर दिया. 16 संकायों के विभागों में कुल 147 विषयों में शोध के लिए 1421 सीटों की सूचना जारी की गई है. सभी सीटें एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) के अलावा रीट (रिसर्च इंट्रेंस टेस्ट) के जरिए भरी जाएंगी.
बीएचयू के छात्र लंबे समय से शोध बुलेटिन जारी करने की मांग कर रहे थे. तीन दिन पहले एबीवीपी की बीएचयू इकाई की अगुवाई में छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक कार्यालय का घेराव भी किया था. परीक्षा नियंत्रक ने बुलेटिन जल्द जारी करने का आश्वासन दिया था. जारी 39 पेज के शोध प्रवेश बुलेटिन में सीटों की सिलसिलेवार जानकारी दी गई है.
अगस्त में एनटीए की तरफ से जारी प्रवेश सूचना में परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी भाषा होने को लेकर भी छात्रों ने विरोध जताया था. इसके बाद एनटीए की तरफ से संशोधित सूचना जारी कर बताया गया कि भाषा व अन्य विषयों की परीक्षा द्विभाषीय माध्यम में ली जाएगी. शोध प्रवेश बुलेटिन में सभी विषयों में भाषा की जानकारी भी दी गई है.
संस्कृत के विश्वकोष थे पं. गोपीनाथ कविराज
संविवि में पद्मविभूषण महामहोपाध्याय पं. गोपीनाथ कविराज की 137वीं जयंती मनाई गई. वक्ताओं ने कहा कि वह तंत्रशास्त्रत्त् के साथ ही वेद-वेदांग, न्याय, सांख्य-योग, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, दर्शन सहित तमाम शास्त्रत्तें के ज्ञाता थे. उन्हें चलता-फिरता विश्वकोश माना जाता था.
विवि के योगसाधना केंद्र में हुए कार्यक्रम में वेदांती प्रो. सुधाकर मिश्र ने कहा कि पं. गोपीनाथ कविराज संस्कृत वांग्मय के प्रकांड विद्वान थे. विवि में तंत्रागत विभाग की स्थापना उन्होंने ही की थी. वह विवि के पहले लाइब्रेरियन व कई ग्रंथों के संपादक भी रहे.
मुख्य अतिथि तंत्रागम विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. शीतला प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि पं. गोपीनाथ कविराज को सूफीवाद व ईसाई रहस्यवाद का भी गहन ज्ञान था. स्वागत प्रो. राघवेंद्रजी दुबे व संचालन प्रो. ललित ॉचौबे ने किया