उत्तर प्रदेश

थाने में जमा हुई थी बुलट, फिर मेडिकल थाने में दर्ज कराया चोरी का मुकदमा

Admin Delhi 1
12 Oct 2022 9:08 AM GMT
थाने में जमा हुई थी बुलट, फिर मेडिकल थाने में दर्ज कराया चोरी का मुकदमा
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मेरठ न्यूज़: थाने में पुलिस कस्टडी से बुलट मोटरसाइकिल चोरी हो गई। यह वो बुलट थी, जिसे पुलिस ने सड़क दुर्घटना के मामले में थाने में जमा कराया था। खाकी के लिए शर्मसार कर देने वाली बात ये है कि ये बुलट पुलिस कस्टडी से चोरी हो गई। चोरी का भी जब पता चला, जब बुलट के मालिक उसे लेने के लिए थाने पहुंचा। इसके बाद पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम पर लीपापोती आरंभ कर दी। क्योंकि रक्षा की दुहाई देने वाली पुलिस के थाने से ही बाइक चोरी हो सकती हैं, यह खाकी के चेहरे पर कालिख पोतने जैसी घटना हैं। पूरे पुलिस विभाग के चेहरे पर इस घटना से कालिख पुत गई हैं। अब रही-सही कसर पूरी कर दी है विवेचना करने वाले दारोगा ने, इस बुलट चोरी का मुकदमा मेडिकल थाने में दर्ज करा दिया। खुद दारोगा इस बाइक चोरी की घटना का वादी बन बैठा। जो दारोगा विवेचना कर रहा था, वो बुलट चोरी की रिपोर्ट दर्ज कैसे करा सकता हैं, यह भी बड़ा सवाल हैं। इस पूरे मामले में विवेचना कर रहे दारोगा कठघरे में खड़े हो गए हैं। पुलिस जब अपनी गर्दन फंसती देखती है तो वह अपना अपराध छिपाने के लिए नये-नये हथकंडे अपनाकर खुद को बेकसूर साबित करने में जुट जाती है। मेरठ पुलिस अब खुलकर खाकी को बदनाम करने में जुट गई है।

पुलिस कभी झूठे केस दर्ज करने, जांच विवेचना में फेरबदल कर रिश्वत लेने जैसे कारनामें कर सूबे की खाकी को बदनाम करने में लग गई है। खाकी पर कालिख पोतने वाला एक मामला प्रकाश में आया। जिसमें मेडिकल थाने से बुलेट चोरी के मामले में दारोगा खुद ही वादी बन बैठा। जबकि पीड़ित ने चंद दिनों पहले ही थाना स्तर से लेकर एसएसपी से अपनी बुलेट बरामद करने की गुहार लगाई थी। मेडिकल थाना क्षेत्र में हुए एक्सीडेंटल एक केस में बुलेट मोटरसाइकिल को बाकायदा जीडी में दर्ज किया गया। लेकिन फिर बुलेट एकाएक थाने से से गायब कर दी गई। थाने से बुलेट मोटरसाइकिल गायब होने पर विवेचक ने अपनी गर्दन फंसती देख खुद को वादी बना लिया। मेडिकल थाने में अपनी तरफ से चोरी में मुकदमा दर्ज करा दिया। मेडिकल थाने में एक एक्सीडेंटल केस में पीड़ित सोविन्दर ने 11 सितम्बर को थाना मेडिकल और एसएसपी के यहां बुलेट चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें एसएसपी ने जांच के आदेश दिये थे। जो बुलेट मोटरसाइकिल मेडिकल थाने से चोरी हुई थी। वह मोटरसाइकिल बाकायदा एक एक्सीडेंटल केस में जीडी में दर्ज थी।

बाकायदा उसे पुलिस ने अपनी सुपुर्दगी में रखकर थाना परिसर में रखा था। मेडिकल थाना क्षेत्र सराय काजी मोड़ पर एक सितम्बर को नशे में धुत एक ट्रैक्टर चालक बदन सिंह ने मोटरसाइकिल सवार सुभाष निवासी नंगलाशेखू और साथी युगलकिशोर को टक्कर मारकर गंभीर रुप से घायल कर दिया था। वहीं एक बुलेट मोटइसाइकिल संख्या यूपी-15सीके 5669 में भी टक्कर लगने पर क्षतिगस्त हो गई थी। ट्रैक्टर सहित दोनों मोटरसाइकिल को पुलिस ने थाने में खड़ा कर दिया था। एक्सीडेंट केस में सुभाष की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई थी। केस के जांच अधिकारी अजय प्रताप ने कुछ दिन बाद दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने का प्रयास किया। बुलेट मोटरसाइकिल स्वामी सोविन्दर जब 11 सितम्बर को अपनी मोटरसाइकिल लेने मेडिकल थाने गया तो वहां बुलेट नहीं मिली। इस पर सोविन्दर ने थाना मेडिकल में बुलेट चोरी के सन्दर्भ में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए तहरीर दी थी। दो दिन बाद आईओ अजय प्रताप से बुलेट के बारे में जानकारी मांगी गई तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये। इस पर सोविन्दर ने एसएसपी से मिलकर बुलेट चोरी हाने की शिकायत की।

थाने से बुलेट चोरी होने पर एसएसपी के निर्देशानुसार जांच के आदेश दिये गये थे। बुलेट चोरी हुए एक महीना दस दिन बीत गया। पुलिस आज तक बुलेट बरामद नहीं कर पाई। एक्सीडेंटल केस की जांच कर रहे एसआई अजय प्रताप ने बुलेट गायब होने के मामले में खुद वादी बनकर चोरी का मुकदमा दर्ज करा दिया। जबकि बुलेट मोटरसाइकिल बाकायदा एफआईआर व जीडी में दर्ज हुई थी। लेकिन थाने के दारोगा ने खुद को बचाने के लिए एक नया कारनामा कर दिया। मेडिकल थाने में खुद वादी बनकर बुलेट चोरी होने की एफआईआर दर्ज करा दी। जबकि वह खुद ही एक्सीडेंटल केस की विवेचना कर रहा था।

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