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जर्जर मकानों को तोड़ने के लिए राजी नहीं हैं भवन स्वामी
मथुरा: धर्मनगरी के विभिन्न रिहाइशी इलाकों में 100-100 साल पुराने मकान बने हुए है. जिनके जर्जर होने पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है. वहीं नगर निगम प्रशासन द्वारा जिन जर्जर घरों पर लाल निशान लगाया गया है, उनकी रिपेयरिंग तक नहीं होती है. ज्यादातर मकान स्वामी मकानों को तोड़ने के लिए राजी नहीं हैं.
शासन-प्रशासन प्रशासन द्वारा प्रस्तावित बांके बिहारी कॉरिडोर के लिए 5 एकड़ जमीन चिह्नित करने के बाद जिन इमारतों को कॉरिडोर निर्माण में ध्वस्त किया जाएगा, उन इमारत के स्वामी ध्वस्तीकरण की प्रस्तावित कार्रवाई को देखते हुए जर्जर इमारत को ध्वस्त करने व मरम्मत कराने में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं. उनका स्पष्ट कहना है कि कॉरिडोर निर्माण में जब उनके भवन का ध्वस्त होना तय है, तो वह क्यों अपना पैसा मरम्मत आदि के कार्य में बर्बाद करें. बता दें कि ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के प्रस्तावित कॉरिडोर के लिए शासन- प्रशासन द्वारा 5 एकड़ जगह को चिह्नित करते हुए निकट भविष्य में अधिग्रहण की कार्रवाई की जा सकती है.
जर्जर मकान स्वामियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज
जर्जर मकान के गिरने से हुई 5 श्रद्धालुओं की मौत के बाद नगर निगम प्रशासन द्वारा मकान स्वामियों के विरुद्ध वृंदावन पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है. नगर निगम के सिविल अवर अभियंता जयप्रकाश सिंह द्वारा दी गई तहरीर में आरोप लगाया गया था कि विगत 12 जुलाई को उक्त मकान में रहने वाले गिरधर, विष्णु, लाला और छैल बिहारी को नोटिस जारी करते हुए बताया था.