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लखनऊ न्यूज़: राज्य सरकार ने आवंटियो के हितों की रक्षा के लिए नई व्यवस्था लागू की है. तय समय में भूखंड या फ़्लैट न देने पर बिल्डरों को आवंटियों को जमा राशि को ब्याज सहित लौटाना होगा . ऐसे 5268 मामलों में 553 बिल्डरों से वसूली के लिए आरसी जारी हो चुकी है. इन बिल्डरों से 1549 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली जानी है.
रेरा के अनुरोध पर प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने सभी जिलाधिकारियों को जारी आरसी के मुताबिक धनराशि वसूलने का निर्देश दिया है. एनसीआर समेत प्रदेश के सभी बड़े जिलों में फ्लैट व मकान लेने के लिए तमाम लोगों ने बिल्डरों की आवासीय परियजनाओं में बुकिंग करा रखी है. इसके एवज में बिल्डरों को द्वारा अग्रिम धनराशि के तौर पर आवंटियों से अच्छी खासी धनराशि जमा कराई गई थी.
इसके साथ ही बिल्डरों ने आवंटियों से एक अनुबंध भी किया था, जिसमें फ्लैट या प्लाट देने के लिए एक समय सीमा तय किया गया था. लेकिन, तमाम बिल्डरों ने तय समय सीमा में फ्लैट व प्लाट नहीं दिया तो आवंटियों में यूपी में रेरा में शिकायतें दर्ज कराई थी . इस आधार पर रेरा ने सुनवाई के बाद बिल्डरों को आवंटियों को ब्याज सहित जमा राशि वापस करने के निर्देश दिए थे. रेरा के बार-बार रिमाइंडर दिए जाने के बाद भी बिल्डरों द्वारा धनराशि वापस नहीं किए जा रहा है. प्रमुख सचिव आवास ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जारी आरसी के मुताबिक बिल्डरों से वसूली कराने के निर्देश दिया है.
सबसे ज्यादा वसूली नोएडा, गाजियाबाद के बिल्डरों से
रेरा द्वारा आवास विभाग को उपलब्ध कराई गई सूची के मुताबिक कुल 553 बिल्डरों के खिलाफ जारी आरसी के तहत 1549 करोड़, 73 लाख, 78 हजार 959 रुपये की वसूली होनी है. जिन बिल्डरों से वसूली होनी है, उनमें सबसे अधिक एनसीआर यानि नोएडा और गाजियाबाद के बिल्डरों की संख्या अधिक है. एनसीआर के 412 और प्रदेश के अन्य जिलों के 141 बिल्डर शामिल है.