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गोलमाल रैलियों के लिए खरीदे 20 लाख के बाल्टी-तौलिए का हिसाब नहीं
लखनऊ न्यूज़: नगर निगम के अधिकारियों ने वर्ष 2010-11 में राजनीतिक दलों की रैलियों के लिए लगभग 20 लाख की तौलियां, बाल्टी खरीद डाली. खरीदने के बाद इसे वापस नगर निगम के स्टोर में नहीं लाया गया. मामला ऑडिट में पकड़ा गया तो अफसरों ने दलील दी कि यह क्षतिग्रस्त हो गयी थीं, जिससे वापस नहीं लाई गईं. मामले में कैग ने कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे वित्तीय क्षति करार दिया. जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने के लिए कहा है.
नगर निगम ने राजनीतिक दलों की रैलियों और नेताओं के लिए वर्ष 2010 में तौलिया, बाल्टी, मेज, कुर्सी खरीदी थी. केवल दो रैलियों के लिए ही 20 लाख खर्च किए गए. केयरटेकर और भंडार लिपिक की ओर से पहली बार रैलियों के लिए 13.4 लाख का सामान खरीदा गया. फिर इसे उपभोग दिखाकर स्टाक शून्य कर दिया गया. खरीदे गए सामान को इस्तेमाल दिखा दिया गया. यह दोबारा स्टाक में लौटा ही नहीं. ऑडिट ने इस पर कड़ी आपत्ति की है. इसका भौतिक सत्यापन तक नहीं हुआ. सामान खरीदा भी गया या नहीं इसकी भी रिपोर्ट नहीं मिली. इसके बाद इसी वर्ष 6.94 लाख रुपए का फिर सामान खरीदा गया. यह सामान भी राजनीतिक दलों की रैलियों में दिया गया. बाल्टी, तौलिया, मेज, कुर्सी, स्टूल आदि खरीदा गया. मगर यह भी वापस स्टोर में नहीं आया. स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग ने ऑडिट में इसे आर्थिक क्षति बताया है. नगर निगम से स्पष्टीकरण मांगा था. निगम के अधिकारियों ने लिखित रूप से जवाब दिया था कि क्षतिग्रस्त और अनहाइजीनिक होने से यह सामान वापस नहीं हुए.
नगर आयुक्त भी तलब: स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग उत्तर प्रदेश ने 2010-11 में नगर निगम में अनियमितता की रिपोर्ट लोक लेखा समिति को भेजी थी. समिति की बैठक 10 जनवरी 2023 को विधान भवन के कक्षा संख्या 44 ख में हुई. इसमें नगर आयुक्त को भी तलब किया गया था. बैठक में 15 आपत्तियों में से केवल पांच को ही लोक लेखा समिति ने निस्तारण की योग्य समझा. बाकी 10 प्रकरण कार्रवाई के लिए उप निदेशक स्थानीय लेखा परीक्षा विभाग प्रयागराज को वापस भेजा. इसमें जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने को कहा गया.