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ब्रेकिंग न्यूज़: बीटेक छात्रों को फ्लेक्सिबल एंट्री-एग्जिट का मौका देने पर चर्चा हुई। यदि कोई छात्र किसी कारण से चार वर्ष का बीटेक पूरा नहीं कर पाता है तो उसे तीन साल में ही एग्जिट करने का विकल्प मिलेगा। इंजीनियरिंग के छात्रों को अब तीन साल में भी डिग्री मिल सकेगी। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) के तहत इस व्यवस्था को लागू करने जा रहा है। कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बोर्ड ऑफ स्टडीज (बीओएस) की बैठक में इस परबैठक में बीटेक छात्रों को फ्लेक्सिबल एंट्री-एग्जिट का मौका देने पर चर्चा हुई। यदि कोई छात्र किसी कारण से चार वर्ष का बीटेक पूरा नहीं कर पाता है तो उसे तीन साल में ही एग्जिट करने का विकल्प मिलेगा। ऐसे छात्रों को बैचलर ऑफ वोकेशनल एजुकेशन की डिग्री दी जाएगी। जिससे ऐसे छात्रों को भविष्य में किसी भी प्रकार की दिक्कत न उठानी पड़े। इसी क्रम में बीटेक छात्रों को सामान्य डिग्री के साथ ही माइनर डिग्री देने पर विचार किया गया।
इसमें छात्र जिस भी विषय से बीटेक कर रहा है, उसके साथ ही वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डाटा साइंस, आईओटी जैसे इंजीनियरिंग के उभरते हुए क्षेत्र में माइनर डिग्री ले सकेगा। प्रो. मिश्र ने कहा कि इन नये विषयों को पढ़ाने के लिए शुरूआत में उद्योगों में काम करने वाले विषय विशेषज्ञों की सहायता ली जाएगी। इसके साथ ही बैठक में विशेषज्ञता के लिए बीटेक में ऑनर्स डिग्री देने पर भी चर्चा हुई। कुलपति प्रो. मिश्र ने कहा कि एनईपी-2020 को लागू करने के लिए पाठ्यक्रमों में बदलाव करना अनिवार्य है। जिसमे पढ़ाई के साथ ही साथ कौशल विकास पर भी जोर दिया गया है। बीटेक पाठ्यक्रम की समीक्षा करने पर सहमति बनी। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई में सबसे ज्यादा दिक्कत हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों को होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए क्लास में हिंदी और अंग्रेजी में पढ़ाई से लेकर प्रश्न पत्र भी दोनों भाषाओं में तैयार करने पर चर्चा हुई। बैठक में परीक्षा नियंत्रक प्रो. अनुराग त्रिपाठी, डीन यूजी प्रो. गिरीश चंद्रा, प्रो. बीएन मिश्रा, प्रो. वंदना सहगल, प्रो. संजय सिंह, प्रो. डीएस यादव, प्रो. एके कटियार, प्रो. एसपी शुक्ला आदि उपस्थित थे।