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नोवल माइक्रो आरएनए की मदद से स्तन-अंडाशय कैंसर की जांच होगी आसान
इलाहाबाद: महिलाओं में स्तन (ब्रेस्ट) और अंडाशय (ओवरी) कैंसर की जांच अब नोवल माइक्रो आरएनए की मदद से आसानी से हो जाएगी. इसकी जांच के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बायोकेमेस्ट्री विभाग के वैज्ञानिकों ने कुछ अन्य संस्थानों के विशेषज्ञों के साथ मिलकर अहम तकनीक ईजाद की है. भारत सरकार के चेन्नई स्थित पेटेंट कार्यालय ने इसे कॉपीराइट दे दिया है. अगर कोई वैज्ञानिक या संस्था इन तथ्यों को अपने शोध में शामिल करना चाहेगा तो इसके लिए उसे पहले इलाहाबाद विश्वविद्यालय से मंजूरी लेनी होगी.
इविवि के बायोकेमेस्ट्री विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं वर्तमान में पुणे में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मुनीश कुमार पांडेय ने बताया कि महिलाओं में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन दो विशेष प्रकार के हार्मोन होते हैं. इन हार्मोन से माइक्रो आरएनए पेशाब के रास्ते से निकलता है. इन हार्मोन की मात्रा बढ़ने के कारण स्तन व ओवरी कैंसर होता है. हार्मोन से निकले माइक्रो आरएनए को नोवल माइक्रो राइबो न्यूक्लिक एसिड मार्कर से जांच कर उसकी मात्रा का आसानी से पता लगाया जा सकता है. इससे शुरुआती दौर में ही कैंसर की पहचान कर उपचार किया जा सकता है.
जल्द आम लोगों को मिलेगा फायदा: यह शोध कैंसर के इलाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है. डॉ. मुनीश के अनुसार यूं तो इविवि के कई शोध पेटेंट हुए हैं, लेकिन कॉपीराइट पहली बार मिला है. सब कुछ ठीक रहा तो इस शोध का फायदा जल्द सीधे आम लोगों को मिल सकेगा.