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लखनऊ न्यूज़: प्रदेश के श्रम और सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने मंगलवार को मुख्य भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में बंधुआ श्रम ऑनलाइन अनुश्रवण प्रणाली का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रथम ऐसा प्रदेश है, जिसने इतने वृहद् स्तर का ट्रैकिंग सिस्टम बंधुआ श्रमिकों के लिये तैयार किया है। इसके द्वारा श्रमिकों की ट्रैकिंग, उनको दिये जाने वाली तात्कालिक सहायता और उनको कराये जाने वाले पुनर्वासन और कानूनी कार्यवाही का भी अनुश्रवण किया जा सकेगा।
100 दिवसीय प्राथमिकता कार्ययोजना में सम्मिलित है यह पोर्टल: श्रम मंत्री ने प्रदेश स्तर पर आयोजित वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता कि। उन्होंने अध्यक्षता करते हुए सभी 75 जिलों से ऑनलाइन जुड़े हुए क्षेत्रीय अपर/उप श्रमायुक्तों को निर्देश दिये कि यह पोर्टल सरकार के गठन के उपरान्त 100 दिवसीय प्राथमिकता कार्ययोजना में सम्मिलित है। इसलिए पोर्टल के माध्यम से प्राप्त श्रमिकों की शिकायतों और समस्याओं का शीघ्र निराकरण कराया जाय। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस पोर्टल के माध्यम से बंधुआ श्रम को समाप्त करने में बहुत सहायता मिलेगी और यह देश के लिए एक उदाहरण साबित होगा, जिससे अब बंधुआ श्रमिकों की ट्रैकिंग किया जाना सम्भव हो सकेगा।
बंधुआ श्रमिकों को भी आसानी से किया जा सकेगा ट्रैक: श्रम मंत्री ने कहा कि पूरे देश में आज उत्तर प्रदेश एक मॉडल के रूप में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल आमजनों के लिए बहुत ही सहयोगी साबित होगा। साथ ही अन्य दूसरे प्रदेश से अवमुक्त कराये गये उत्तर प्रदेश के बंधुआ श्रमिकों को भी आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा, जिसका सीधा लाभ बंधुआ श्रमिक की परिस्थिति में रह रहे श्रमिकों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर चिन्हित ऐसे स्थान जहां पहले बंधुआ मजदूरी करायी जा चुकी है, वहां पर इसकी पुनरावृत्ति को भी रोका जा सकेगा।
भविष्य में प्रभावी सिद्ध होगा सॉफ्टवेयर: इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव, श्रम और सेवायोजन सुरेश चन्द्रा ने कहा कि यह सॉफ्टवेयर भविष्य में बंधुआ श्रम उन्मूलन में और उनकी ट्रैकिंग में बहुत ही प्रभावी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि बंधुआ श्रम की शिकायत किसी भी व्यक्ति और संस्थान द्वारा ऑनलाइन लिखित रूप में और टेलिफोनिक रूप में की जा सकेगी।
सहायता के रूप में 30 हजार रूपये की धनराशि दिये जाने का प्राविधान: चन्द्रा ने बताया कि इस पोर्टल पर अवमुक्त कराये गये बंधुआ श्रमिकों का सम्पूर्ण विवरण प्रत्येक स्तर पर उपलब्ध रहेगा। उन्होंने बताया कि विकसित किये गये सॉफ्टवेयर के द्वारा कोई भी व्यक्ति बंधुआ श्रम की नियोजित होने की स्थिति में इस ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से सॉफ्टवेयर पर उपलब्ध निर्धारित प्रारूप पर अपेक्षित सूचनायें भरकर शिकायत दर्ज करा सकता है।चन्द्रा ने कहा कि इस पोर्टल से बंधुआ श्रम को दिये जाने वाली तात्कालिक धनराशि की उपलब्धता और वितरित किये जाने का अनुश्रवण भी किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि अवमुक्त कराये गये प्रत्येक बंधुआ श्रमिक को तात्कालिक सहायता के रूप में 30 हजार रूपये की धनराशि दिये जाने का प्राविधान है।
शिकायतों की ऑनलाइन ट्रैकिंग की जा सकती है: श्रम आयुक्त शकुन्तला गौतम ने बताया कि विभिन्न आयोगों जैसे मा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, राज्य मानवाधिकार आयोग और बंधुआ श्रम हेतु कार्य कर रहे विभिन्न संस्थाओं द्वारा की गयी संस्थाओं का भी पृथक से की जा रही शिकायतों की ऑनलाइन ट्रैकिंग की जा सकती है।
इस अवसर पर इन लोगो ने किया प्रतिभाग: इस अवसर पर अपर आयुक्त सरयू राम, उप श्रमायुक्त पंकज सिंह राणा, राज्य समन्वयक सैय्यद रिज़वान अली और प्रदेश के सभी 75 जिलों में तैनात श्रम विभाग के क्षेत्रीय अपर/उप/सहायक श्रमायुक्तों ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया।