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न्यूज़ क्रेडिट: अमरउजाला
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किशनपुर/विजयीपुर (फतेहपुर)। यमुना नदी में गुरुवार को नाव पलटने से डूबे नौ लोगों के शव मिल चुके हैं। इनमें कोई रक्षाबंधन पर अपनी बहन से राखी बंधाकर लौट रहा था तो कोई बहन अपने बच्चे के साथ राखी बांधने के लिए अपने घर आ रही थी। रक्षाबंधन के मौके पर हादसे से कई परिवार गम के आंसुओं में डूब गए। इस गम की यादें इन परिवारों को भूलना मुश्किल होगा। नाविकों का कहना है कि इस हादसे से सबक लेना जरूरी है।
नरौली गांव के पास मिले शव की शिनाख्त असोधर के मजरे सरकंडी निवासी जयचंद्र के रूप में हुई है। वह अपनी बड़ी बहन के घर बांदा के बैरापुर में गया था। वहां से राखी बंधवाकर वापस मरका घाट पहुंचा और नाव में बैठकर अपनी छोटी बहन को फोन करके बताया कि वह नाव में बैठकर घर आ रहा है। उसे क्या पता था कि अब वह अपनी बहन से नहीं मिल सकेगा।
किशनपुर पुल के पास मिलने वाला शव माया देवी का था। उसकी ससुराल बांदा के मर्का गांव में है। वह रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधने के लिए अपने दुधमुंहे बच्चे के साथ नाव में बैठकर थुरियानी गांव के लिए निकली थी। रास्ते में नाव पलटी तो वह और उसका बच्चा दोनों डूब गए। बच्चे का शव उसी दिन गोताखोरों ने खोज निकाला था। माया देवी का शव शनिवार को मिला। बताया गया कि माया देवी तैरना जानती थी। माना जा रहा है कि बच्चे को बचाने में वह तैर नहीं सकी और उसकी जान चली गई।
नाव हादसे में मरे लोग के शव एंबुलेंस संचालन करने वाला स्टाफ ने ले जाने से मना कर दिया। उनका कहना था कि उनका काम घायलों को अस्पताल पहुंचाने का है। इस पर डीएम श्रुति ने एंबुलेंस संचालन के जिम्मेदारों को फोन करके फटकार लगाई और एंबुलेंस मौके पर भेजने को कहा। कुछ ही देर में एंबुलेंस किशनपुर थाने के पास आ गई। एक शव उठाने वाले वाहन को भी लाया गया।
पुरस्कृत किए जाएंगे मददगार
किशनपुर से लेकर नरौली, गढ़ा पर नाविकों के साथ प्रशासन की मदद करने वालों को प्रशासन की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा। मदद करने वालों में नाविक, नीरज, बाबू सिंह, चुन्नू, राम मूरत, बसंत लाल, राजेंद्र, मोतीलाल है। इनके अलावा दिलीप, धुनाई, राजेंद्र, मोतीलाल, राममूरत, बबलू, बसंतलाल, नीरज, अरविंद मिश्रा भी मदद करने वालों में शामिल हैं।

Kajal Dubey
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