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उत्तर प्रदेश
बेटा न होने पर खून के प्यासे पति ने पत्नी को जिंदा जलाया, 2 बेटियों ने मां को दिया ऐसा इंसाफ
Bhumika Sahu
28 July 2022 11:47 AM GMT
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2 बेटियों ने मां को दिया ऐसा इंसाफ
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अन्नू मर्डर केस मामले में दोषी पति को कोर्ट ने बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उसपर 20 हजार का जुर्माना लगाया है। मृतक अन्नू की बेटियों की गवाही को अहम मानते हुए ये फैसला सुनाया गया। बुलंदशहर के इस चर्चित केस के बारे में तफ्तीश से बताते हैं जो रिश्ते के दो रूप को दिखाता है।
ओमवती ने अपनी बेटी अन्नू की शादी कोठियात निवासी मनोज बंसल से साल 2000 में की थी। बड़े अरमानों से उनसे अपनी बेटी को विदा किया था। कुछ वक्त तक तो दोनों के बीच सबकुछ ठीक चला। अन्नू और मनोज की दो बेटी लतिका और तान्या हुई। लेकिन मनोज को बेटा चाहिए था। उसे पांच बार लिंग जांच कराने के बाद उसका ऑबर्शन करा देता था। जब उसे लगा कि अन्नू बेटे को जन्म नहीं दे पाएगी तो उसने 13 जून 2016 को उसके मायकेवाले को कॉल किया और बेटी को ले जाने के लिए कहा। लेकिन महिला के घरवाले उसे ले जाने से इंकार कर दिए। जिस पर उसने हत्या की धमकी दी।
बेटी के सामने मां को जालिम पिता ने जिंदा जलाया
अन्नू के मायकेवालों को नहीं पता था कि मनोज इस कदर जालिम हो चुका है कि वो धमकी पर अमल कर देगा। 14 जून की सुबह लतिका ने अपने नाना को फोन किया और बताया कि उसकी मां को पिता और अन्य लोगों ने मिलकर जला दिया है। जब वो लोग मौके पर पहुंचे तो हैरान रह गए अन्नू बुरी तरह जली हुई पड़ी थी। आनन फानन में लोग उसे जिला अस्पताल ले गए जहां से उसे रेफर कर दिया गया। दिल्ली में 20 जून को इलाज के दौरान अन्नू इस दुनिया को अलविदा कह गई।
बेटियों ने तत्कालीन सीएम अखिलेश को खून से लेटर लिखा
पुलिस ने इस मामले में हत्या की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज किया और 8 लोगों को आरोपी बनाया। लेकिन बाद में 7 लोगों का नाम उसमें से निकाल दिया। पुलिस ने मनोज के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की चार्जशीट लगाकर कोर्ट में पेश की थी। इस बात से अन्नू की दोनों बेटियां लतिका और तान्या हैरान थी। पुलिस के ढुलमुल रवैये को देखते हुए दोनों ने खून से तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव को खत लिखा।
उम्र कैद की सजा कोर्ट ने दोषी पति को सुनाई
इसके बाद अखिलेश यादव ने उन्हें अपने पास बुलाकर सारा माजरा समझा। उन्होंने 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद करते हुए इंसाफ दिलाने का भरोसा दिया। सीएम के आदेश के बाद पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट में नए सिरे से गवाब और सबूत पेश किए गए। इसके बाद इसे हत्या का मामला माना गया।मृतका अन्नू की दोनों बेटियों लतिका और तान्या को चश्मदीद गवाह बनाया गया। उनकी गवाही और सबूतों के आधार पर छह साल बाद अपस सत्र न्यायालय ने मनोज बसंल को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है।
बेटियों ने निभाया फर्ज
जहां पति ने अपने सात वचन को भूलते हुए पत्नी की हत्या करने में जरा भी नहीं हिचकिचाया। वहीं बेटियों ने मां के दूध का कर्ज अदा करते हुए उन्हें इंसाफ दिलाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया और कामयाब भी हुईं।
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