उत्तर प्रदेश

सरकारी चावल माफियाओं की कालाबाजारी रुकने का नहीं ले रही नाम

Admin4
22 Nov 2022 1:11 PM GMT
सरकारी चावल माफियाओं की कालाबाजारी रुकने का नहीं ले रही नाम
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मेरठ। मेरठ में सरकारी चावल माफियाओं की कालाबाजारी कम होने का नाम नहीं ले रही है। चावल माफियाओं ने अब अपने ठेला चालकों को सरकारी गल्ले की दुकानों पर ही चावल खरीदने के लिए छोड़ दिया है। जहां पर सीना ठोक कर कालाबाजारी के चावल खरीदे जा रहे हैं। दरअसल, मेरठ में जैसे ही सरकारी गला बैठना शुरू होता है वैसे ही चावल माफियाओं का गिरोह सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर पहुंच जाते हैं और वहां पर मिलने वाले सस्ते गल्ले के चावल सीना ठोक कर खरीद रहे हैं। बाकायदा कांटा लेकर उन पर चलते हैं और 15 प्रति किलो चावलों की खरीदारी करते हैं।
जबकि कई बार राशन डीलरों ने भी इस चीज की शिकायत स्थानीय पुलिस को जी और पुलिस ने उनकी सूचना पर कार्रवाई भी की लेकिन कुछ समय बाद ही इन गिरोह के सदस्यों को छोड़ दिया जाता है। ऐसा ही एक और मामला आज थाना नौचंदी क्षेत्र के दवाई नगर गली नंबर 14 से सामने आया है, जहां कमरुद्दीन नाम से सस्ते गल्ले की दुकान है। जहां आज 3 युवक ठेला लेकर खड़े होकर वहां पर खुलेआम सरकारी गले से मिलने वाले चावलों को 15 प्रति किलो के भाव से खरीद रहे थे।
जानकारी के अनुसार, मीडिया कर्मी का जब इन पर कैमरा चला तो यह हड़बड़ा गए और उल्टे सीधे वहां से भागने लगे। मीडिया कर्मी ने जब इनसे पूछा कि तुम किसके लिए यह चावल खरीद रहे हो तो खरीदार युवक ने बताया कि मैं गुलिस्ता नाम की एक महिला है जो जाकिर कॉलोनी निवासी है उसी ने हमें चावल खरीदने के लिए रखा हुआ है। अब आप ही बता सकते हैं की अगर जो सरकारी गरीबों को राशन मुफ्त मुहैया करा रही है तो यह चावल माफिया उसका फायदा उठा रहे हैं।
जानकारी ये भी मिली है कि कल ही चावल माफियाओं के गिरोह के सदस्य चावल खरीद रहे थे और पुलिस को सूचना दी थी पुलिस मौके पर पहुंची थी। जिसमें से कुछ युवकों को हिरासत में लिया था और इनके चावल सोने की कांटे भी हिरासत में लिए उसके बाद क्या हुआ कुछ पता नहीं। वह आरोपी छोड़ दिए गए या उनके साथ कोई कार्रवाई हुई है। इसके बारे में कुछ पता नहीं चला है। क्या इस बात की खबर डीएसओ साहब का नहीं है आखिरी इन लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।
( जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।)
न्यूज़ क्रेडिट: janhittimes
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