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- धर्मपाल की व्यूह रचना...
उत्तर प्रदेश: यह पहला अवसर है जब उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगम क्षेत्रों में किसी एक ही पार्टी का परचम लहराया है। यह भाजपा के लिए बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है। लेकिन यह कमाल पर्दे के पीछे बैठे यूपी भाजपा के संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह का है। जिन्होंने एक ऐसी व्यूह रचना बनाई जिसमें सभी विपक्षी उलझ गए और चारों खाने चित्त हो गए। भाजपा नेताओं की मानें तो नगर निकाय चुनाव में मिली सफलता के पीछे धर्मपाल का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने न सिर्फ निकाय चुनाव की रणनीति तैयार की, बल्कि रामपुर के स्वार और मिजार्पुर की छानबे सीट पर गठबंधन का चक्रव्यूह भी तैयार किया। जिसे विपक्ष भेद नहीं सका।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मानें तो लोकसभा से पहले हुए निकाय चुनाव में भाजपा अपने संगठन की धार का आकलन करना चाह रही थी। जिससे कि कार्यकर्ताओं के जोश को बरकार रख सके। इसी कारण निकाय चुनाव की तैयारी पार्टी ने बहुत पहले शुरू कर दी थी। इसे लेकर संगठन महामंत्री ने निकाय चुनाव की राज्य में हो रही सुबुगहट के दौरान ही रणनीति का खाका खींच दिया था। उन्होंने शुरूआती दौर में ही आभासी और जमीनी स्तर पर संगठन को लड़ाई के लिए तैयार कर लिया था।
कोर्ट में मामले के पहुंच जाने के बाद भी भाजपा की तैयारी रुकी नहीं बल्कि और प्रभावी ढंग से उनके क्रियान्वन पर संगठन स्तर पर पहल की गई। पहली बार पन्ना प्रमुख और पन्ना समितियों का गठन कर हर घर तक भाजपा के पहुंचने का अभियान बनाया गया। मोदी-योगी सरकार की नीतियों के साथ कार्यकर्ता घर-घर पहुंचे इसके लिए एक बड़ा अभियान चलाया गया। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता की मानें तो इस चुनाव को लेकर बूथ विजय अभियान के अन्तर्गत हर घर सम्पर्क का अभियान चलाया गया। मोदी योगी सरकार की उपलब्धियों को लेकर कार्यकर्ता घर-घर पहुंचे और भाजपा को वोट देने की अपील की।
इसके आलावा उम्मीदवार चयन में भी संगठन मंत्री ने कई विशेष बातों का ध्यान रखा। खासकर उन्होंने सभी नगर निगमों में कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी। इसकी सराहना पूरे प्रदेश में हुई। प्रचार की कमान भी संभाली। खुद चुनावी जिलों में गए और संगठनात्मक और समितियों के साथ बैठक कर चुनावी का जीत मंत्र भी देते रहे। इसके अलावा एक बड़ा वार रूम तैयार किया जहां से हर चुनावी मोड की निगरानी होती थी। उसका भी हर दिन वो फीडबैक लेते थे। बूथ समिति की बैठकें लगातार होती रहीं। पन्ना समितियों का गठन और उनकी बैठकें, वाडरें में बैठक के साथ सामाजिक सम्पर्क अभियान भी जारी रहा। इसी का नतीजा रहा भाजपा दूसरे दलों से भारी दिखी।
भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि पहले चरण के चुनाव में वोट प्रतिशत कम होने के बाद संगठन महामंत्री ने इस पर अधिक फोकस किया। दूसरे चरण में ज्यादा से ज्यादा वोटर निकलवाना और पर्ची घर घर पहुंचे, इस पर उनका बहुत जोर रहा। जिसका परिणाम रहा कि भाजपा ने न केवल नगर निगम की 17 सीटें जीती, बल्कि पालिका और नगर पंचायत में अपनी सीटें दुगुनी कर ली। इसके साथ ही निकाय चुनाव में काडर के साथ बेहतर समन्वय लिए बहुत पहले संगठन और सरकार के पाधिकारियों को लगा दिया गया था। भाजपा पदाधिकारी ने बताया कि महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने लोकसभा चुनाव से पहले अपनी परीक्षा मान कर काम कर रहे थे। बूथ स्तर पर नए प्रयोगों ने जीत की राह को आसान किया।
चुनावी प्रबंधन को मजबूत करने के लिए कई लोगों को काम पर लगाया गया। निकाय चुनाव में पन्ना प्रमुखों और पन्ना समितियों का प्रयोग भी नया था। इनकी टोलियों को भी इसी काम में लगाया गया था। यही नहीं, पार्टी के कार्यक्रम-अभियानों के जरिए भी भाजपा ने चुनावी हवा बनाई। हर नगर निगम क्षेत्र में वहां की चार प्रमुख जातियों के प्रबुद्ध सम्मेलन कराए गए। भाजपा ने इस बार पश्चिम के चारों निकाय सहारनपुर, गाजियाबाद, मेरठ व मुरादाबाद में जीत हासिल की। इसके अलावा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के संसदीय क्षेत्र में बड़े मार्जिन से जीत दर्ज की।
भाजपा के महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायत के चुनाव में भाजपा की प्रचंड विजय की हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं। यह ऐतिहासिक विजय यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व वाली डबल इंजन की भाजपा सरकार के अटूट विश्वास का प्रतीक है।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक अंकित जादौन कहते हैं कि भाजपा हर चुनाव को बहुत गंभीरता से लेती है। इससे पहले मैनपुरी और खतौली में मिली हार के बाद भाजपा काफी सजग हो गई। उसने निकाय चुनाव में जी जान लगा दिया। जिसका नतीजा रहा कि नगर निगम की सभी सीटें और दो उपचुनाव की विधानसभा सीटें भी गठबंधन को जीता दिया। भाजपा अपने संगठन की परीक्षा में पहले नंबर से पास हुआ है।