उत्तर प्रदेश

बीजेपी जीती, लेकिन यूपी के मंत्री अपने गृह जिलों में हारे

Rani Sahu
14 May 2023 9:21 AM GMT
बीजेपी जीती, लेकिन यूपी के मंत्री अपने गृह जिलों में हारे
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लखनऊ (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में निकाय चुनावों में मिली भारी सफलता पर भाजपा जहां खुशी मना रही है, वहीं पार्टी के लिए शमिर्ंदगी भी है। क्योंकि कई मंत्री अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं। नौकरशाह से नेता बने और यूपी के मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के उम्मीदवार नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर अपने गृह जिले मऊ में बसपा से हार गए।
यूपी के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह के लिए भी अच्छा नहीं रहा, बरेली के आंवला नगर पालिका में उनके उम्मीदवार संजीव सक्सेना सपा के आबिद अली से हार गए थे।
रायबरेली में यूपी के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह बीजेपी की शालिनी कन्नौजिया की जीत सुनिश्चित नहीं कर पाए और कांग्रेस ने नगर पालिका अध्यक्ष की सीट जीत ली।
यूपी की मंत्री गुलाब देवी अपने निर्वाचन क्षेत्र संभल में दो नगर पालिकाओं पर भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित नहीं कर सकीं। यहां एक सीट निर्दलीय और दूसरी एआईएमआईएम ने जीती।
यूपी के मंत्री असीम अरुण के निर्वाचन क्षेत्र कन्नौज और मंत्री बलदेव सिंह औलख के निर्वाचन क्षेत्र रामपुर में भाजपा हार गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह के गृह नगर अलीगढ़ की दोनों नगर पालिका में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। उनके बेटे राजवीर सिंह यहां से सांसद हैं और उनके पोते संदीप सिंह यूपी के मंत्री हैं।
कौशांबी में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के वार्ड में भी भाजपा हार गई।
यूपी के एक और मंत्री नितिन अग्रवाल भी अपने ही वार्ड से बीजेपी की जीत सुनिश्चित नहीं कर सके।
दिलचस्प बात यह है कि गोंडा में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली दोनों नगर पालिकाओं में भी पार्टी हार गई है। सिंह इस समय पहलवानों के यौन उत्पीड़न से जुड़े एक बड़े विवाद में फंस गए हैं। वह भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख भी हैं।
गौरतलब है कि यूपी बीजेपी ने नगर निकाय चुनाव से पहले अपने सभी सांसदों और विधायकों से कहा था कि वे अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लें।
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, यह निस्संदेह एक गंभीर मामला है कि कई मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी के उम्मीदवार को जीत नहीं दिला सके। पार्टी निश्चित रूप से स्थिति का आकलन करेगी और उसके अनुसार कार्रवाई करेगी।
--आईएएनएस
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